चोंच पैनी करने के लिए रगडे जाते है कांच, खूनी जंग के लिए ऐसे तैयार किए जाते हैं मुर्गे? लाखों में लगते है सट्टे
भले ही सुप्रीम कोर्ट ने मुर्गों की लड़ाई पर प्रतिबंध लगा रखा हो, लेकिन मेवात क्षेत्र में यह अवैध खेल लगातार फल-फूल रहा है. यहां मुर्गों पर एक हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक की बाजी लगाई जाती है. इस खेल को संचालित करने वाले कई संगठित गिरोह सक्रिय हैं. मुकाबले देखने और दांव लगाने के लिए दूर-दराज़ से जुआरी पहुंचते हैं और खुलेआम बड़ी रकम जुए में लगाया जाता है.
हालांकि राजस्थान के मेवात में यह गतिविधि अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन सीमा से सटे हरियाणा के मेवात में यह लंबे समय से बड़े पैमाने पर चल रही है. दो मुर्गों के बीच खूनी लड़ाई कराई जाती है, जिसे कॉकपिट नाम के घेरे में आयोजित किया जाता है. लड़ाई के लिए तैयार किए गए इन खास मुर्गों की कीमत 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक होती है. इन मुर्गों को खास प्रशिक्षण दिया जाता है और उनकी चोंच व पंजों को कांच से रगड़कर धारदार बनाया जाता है, ताकि मुकाबला ज्यादा घातक हो सके.
25 से ज्यादा गांवों में खेला जा रहा ये खेल
मेवात के 25 से ज्यादा गांवों में यह खेल काफी समय से चल रहा है. विशेष मौकों और त्योहारों पर एक-एक मुकाबले में पांच-पांच लाख रुपये तक का दांव लगाया जाता है. पुलिस की सख्त कार्रवाई के चलते अब यह गिरोह धीरे-धीरे राजस्थान के मेवात को अपना नया गढ़ बना रहा है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के उल्लंघन के तहत मुर्गों की लड़ाई पर रोक लगा रखी है. इसके बावजूद देश के कई हिस्सों यह खेल आज भी जारी है. मुर्गों और तीतरों की चोंच व पंजों को नुकीला बनाकर उन्हें लड़ाया जाता है और बड़े पैमाने पर सट्टा लगाया जाता है. मेवात में भी मुरादाबाद सहित अन्य स्थानों से असील नस्ल के मुर्गे मंगाए जाते हैं, जिन्हें लड़ाई में माहिर माना जाता है.
कई गैंग करवाते हैं ये खेल
इस अवैध खेल के आयोजन की जानकारी अब खुले तौर पर सोशल मीडिया के जरिए दी जा रही है. अगस्त में मेवात के एक गांव में पुलिस कार्रवाई के दौरान सामने आया कि गैंग के ज्यादातर नाम फिल्मी अभिनेताओं के नाम पर रखे गए हैं. जैसे सलमान, अरबाज, इरफान, मुल्ला और खालिद गैंग. मुर्गों की लड़ाई पर दांव लगाने के लिए अलग-अलग सोशल मीडिया ग्रुप बनाए जाते हैं, जिनमें तारीख और जगह साझा की जाती है. इसके बाद लोग वहां पहुंचने लगते हैं.
जिले के गोपालगढ़ और कैथवाड़ा क्षेत्रों में मुर्गों की लड़ाई के मामलों के सामने आने के बाद पुलिस ने तीन केस दर्ज किए हैं. जिला पुलिस अधीक्षक डीग ओमप्रकाश मीणा का कहना है कि ऐसे मामलों में पुलिस पूरी गंभीरता से कार्रवाई कर रही है और अवैध गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है.

