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महिला बॉक्सर ने कोच पर लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप, कपड़े उतारने और प्राइवेट पार्ट को टच करने का बनाया दबाव

भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के रोहतक केंद्र में राष्ट्रीय मुक्केबाजी अकादमी (एनबीए) की महिला कोच पर एक नाबालिग राष्ट्रीय स्तर की मुक्केबाज ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। नाबालिग के माता-पिता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार...
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भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के रोहतक केंद्र में राष्ट्रीय मुक्केबाजी अकादमी (एनबीए) की महिला कोच पर एक नाबालिग राष्ट्रीय स्तर की मुक्केबाज ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। नाबालिग के माता-पिता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, बार-बार 'मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न' के कारण वह अवसाद में चली गई है। एफआईआर की कॉपी होने के बावजूद आरोपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है, क्योंकि मामले की जांच चल रही है। इस मामले पर टिप्पणी के लिए जब भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) से संपर्क किया गया, तो उन्होंने 17 वर्षीय पीड़िता द्वारा धमकाने और थप्पड़ मारने की घटनाओं के बारे में शिकायत प्राप्त करने की बात स्वीकार की, लेकिन एफआईआर में लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में जानकारी होने से इनकार किया।

दोनों संगठनों ने कहा कि उनकी आंतरिक जांच में कोच के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। ये कोच वर्तमान में जूनियर और युवा मुक्केबाजों के लिए राष्ट्रीय शिविर आयोजित करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। रोहतक थाने में दर्ज एफआईआर में पीड़िता ने कहा है कि कोच ने एक बार उसके कपड़े जबरन उतारने की कोशिश की, उसे कई बार थप्पड़ मारे, उसका करियर बर्बाद करने की धमकी दी और अन्य मुक्केबाजों के सामने उसे 'बदमाश' कहा, जिससे वह अकेली पड़ गई। कोच के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 115 (चोट पहुंचाना) और 351 (3) (आपराधिक धमकी) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धारा 10 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत शिकायत दर्ज की गई है। साई ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह जांच में मदद करेगा।

साई के क्षेत्रीय केंद्र (सोनीपत) ने कहा, "अभी तक हमें किसी एफआईआर की कॉपी नहीं मिली है।" एनबीए रोहतक की एक महिला मुक्केबाज ने 24 अप्रैल 2025 को ई-मेल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आयरलैंड में 25 मार्च 2025 से 3 अप्रैल 2025 तक आयोजित आमंत्रण मुक्केबाजी टूर्नामेंट के दौरान एक महिला कोच द्वारा मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। उस शिकायत में यौन उत्पीड़न का कोई आरोप नहीं लगाया गया था।'

उन्होंने कहा, 'इस मामले की विस्तृत जांच की गई जिसमें शिकायतकर्ता, संबंधित कोच, सभी साथी कोच, वहां मौजूद स्टाफ और साथी खिलाड़ियों के बयान लिए गए। हालांकि, इसमें लगाए गए आरोप साबित नहीं हो सके।' उन्होंने कहा, 'साई स्वच्छ खेल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और एफआईआर के आधार पर जांच के दौरान किसी भी समय सहयोग करने के लिए तैयार रहेगा।' पीड़िता के माता-पिता ने अपने खिलाफ हुए दुर्व्यवहार का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि कोच ने आयरलैंड दौरे के दौरान मुक्केबाज को अपमानित किया और उसका यौन उत्पीड़न किया।

एफआईआर में लगाए गए आरोप के अनुसार, 'इस कोच ने पहले भी उसे अनुचित तरीके से छूने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय मेरी बेटी उसकी मंशा को नहीं समझ पाई थी।' उन्होंने कहा, "उसने वीडियो रिकॉर्ड न करने के लिए कोच से माफ़ी मांगी और साथ ही कोच की इच्छा के अनुसार मुक्केबाजी अभ्यास में उसका साथ देने (बाउट के दौरान कोचिंग देने) का अनुरोध किया। हालांकि, यह कोच उसके साथ नहीं गया और अन्य कोचों को उसके साथ जाने से रोक दिया। हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है, जिससे साबित होता है कि मेरी बेटी रिंग में अकेली थी।'

माता-पिता ने आरोप लगाया कि मुश्किल परिस्थितियों में राष्ट्रीय स्तर की मुक्केबाजी में दो स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद कोच ने उसका यौन उत्पीड़न भी किया। एफआईआर के मुताबिक, कोच ने मेरी बेटी पर लड़कों से ज़्यादा बात करने का आरोप लगाया। उसने दूसरे मुक्केबाजों के सामने उसे अपमानित किया और उसे अपना फोन लाने के लिए कहा। जब मेरी बेटी अपने कमरे में गई, तो वह भी उसके पीछे-पीछे वहां पहुंच गया, कमरा बंद कर लिया और उसे गलत तरीके से छूने की कोशिश की।'

उन्होंने कहा, 'उसने मेरी बेटी के कपड़े जबरन उतारने की कोशिश की और जब उसने विरोध किया और धक्का दिया, तो कोच ने उसे कई बार थप्पड़ मारे। इसके बाद कोच ने मेरी बेटी को अभ्यास कक्ष में घसीटा और उससे लिखित में यह बताने को कहा कि उसके पास दो फोन हैं और वह उनमें से एक का इस्तेमाल लड़कों से बात करने के लिए कर रही है।'' हालांकि, साई ने कहा कि उनकी जांच के दौरान दौरे पर मौजूद किसी भी अन्य मुक्केबाज ने इस दावे का समर्थन नहीं किया। मुक्केबाज के माता-पिता ने आरोप लगाया, 'इस कोच ने मेरी बेटी को धमकी दी कि अगर उसने उसके खिलाफ शिकायत की तो उसे परिणाम भुगतने होंगे। कोच ने मेरी बेटी को मानसिक रूप से अस्थिर भी कहा और उसका फोन ले लिया तथा उसे अपना पासवर्ड साझा करने के लिए मजबूर किया। उसने उसकी निजी डायरी भी ले ली। माता-पिता ने कहा कि उन्हें बेटी की दुर्दशा के बारे में उसके एक कैंप मित्र से पता चला। इसके बाद वह रोहतक पहुंचे जहां उनकी बेटी ने भावुक होकर अपनी आपबीती सुनाई।'

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