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सर्दी में बच्चे टाट-पट्टी पर बैठने को मजबूर…स्कूलों को लेकर हरियाणा सरकार पर AAP का हमला

सर्दी में बच्चे टाट-पट्टी पर बैठने को मजबूर…स्कूलों को लेकर हरियाणा सरकार पर AAP का हमला

आम आदमी पार्टी के नेशनल मीडिया इंचार्ज अनुराग ढांडा ने रविवार को हरियाणा के सरकारी स्कूलों की खराब और चिंताजनक स्थिति को लेकर BJP सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, टेम्परेचर 5 से 8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, फिर भी सरकारी स्कूलों में हजारों छोटे बच्चे अभी भी चटाई या सीधे फर्श पर पढ़ने को मजबूर हैं।

अनुराग ढांडा ने कहा कि एजुकेशन डिपार्टमेंट ने सभी सरकारी स्कूलों में डुअल डेस्क की ज़रूरत की जांच की है और 5 मार्च 2025 तक डिमांड रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने दावा किया था कि बच्चों को अब फर्श पर बैठने की ज़रूरत नहीं होगी, लेकिन दिसंबर 2025 तक स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

600 बच्चों के लिए सिर्फ़ 3-4 कमरे
अनुराग ढांडा ने कहा कि स्थिति इतनी खराब है कि कुछ जगहों पर 600 बच्चों के लिए सिर्फ़ 3-4 कमरे हैं। कुछ जगहों पर 350 से ज़्यादा बच्चे खुले में प्रार्थना करने और क्लास करने को मजबूर हैं। कई सरकारी प्राइमरी स्कूलों के पास अपनी बिल्डिंग भी नहीं हैं और वे दूसरे स्कूलों में चल रहे हैं। यह स्थिति हरियाणा में एजुकेशन सिस्टम की असली तस्वीर दिखाती है।

अनुराग ढांडा ने कहा कि राज्य में टीचरों की भारी कमी के कारण भी स्थिति बहुत खराब है। 30,000 से ज़्यादा टीचरों के पद खाली हैं। कई ज़िलों में तो 400-500 स्टूडेंट्स पर सिर्फ़ एक टीचर है। लगभग 90 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में हेड टीचर नहीं है, जिससे बच्चों को सही से गाइडेंस नहीं मिल पाता और स्कूल का परफॉर्मेंस भी खराब होता है।

स्कूलों में डुअल डेस्क की मांग
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने सरकार से मांग की है कि वह तुरंत सभी सरकारी स्कूलों में डुअल डेस्क दे, बच्चों को ज़मीन पर बैठने से छुटकारा दिलाए, टीचरों और हेड टीचरों के खाली पदों को तुरंत भरे, स्कूल बिल्डिंग की मरम्मत करे और सर्दियों के मौसम में बच्चों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी सुविधाएं पक्का करे।

अनुराग ढांडा ने कहा कि आम आदमी पार्टी हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की आवाज़ बनेगी और इस मुद्दे को राज्य के हर नागरिक के सामने उठाएगी। बच्चों का भविष्य फाइलों और विज्ञापनों में नहीं, बल्कि सुरक्षित, सम्मानजनक और बेहतर क्लासरूम में बनना चाहिए।

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