
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण स्टील के लिए विशेष कच्चे माल की कीमत भी डेढ़ गुना बढ़ गई है। चंडीगढ़। युद्ध हो या पड़ोसी देश के साथ तनाव, यह किसी भी देश के लिए अच्छा नहीं होता। ऐसे में व्यापार पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से असर पड़ना स्वाभाविक है। चाहे वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध हो या फिर इजरायल और फिलिस्तीन के बीच। अब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का ताजा उदाहरण सबके सामने है। युद्ध का असर एक ही नहीं बल्कि कई देशों पर पड़ता है। जींद में बैटरी निर्माण से जुड़े उद्योगपति राजेश कुमार का कहना है कि पहले इजरायल के नजदीकी देशों में माल भेजा जाता था, लेकिन अब मेरे अलावा कई अन्य उद्योगपतियों का तैयार माल वहां नहीं पहुंच पाता। इसी तरह कश्मीर से भी ऑर्डर कम हो गए हैं। उद्योगपति राजेश कुमार का कहना है कि पहले 60 से 70 लाख रुपये के ऑर्डर मिलते थे, जो अब घटकर 15-20 लाख रुपये रह गए हैं। इसी तरह, रोहतक निवासी और नट-बोल्ट कंपनी के निदेशक जसमेर लाठर और ऑटो पार्ट्स बनाने के कारोबार से जुड़े सोनीपत निवासी अजय का दावा है कि स्टील का जो खास कच्चा माल अमेरिका, रूस, इंग्लैंड से 7 से 8 हजार रुपये प्रति किलो आता था, उसकी कीमत आज डेढ़ गुना बढ़ गई है। ऐसे में अब वही खास कच्चा माल स्टील 11 हजार से 12 हजार रुपये प्रति किलो के भाव से मंगवाना पड़ रहा है। ऊंची कीमत ने ऑर्डरों को आंशिक रूप से प्रभावित किया है।
पूर्वी राज्यों में पर्यटकों की दिलचस्पी बढ़ी
वहीं, पर्यटन एजेंसी के निदेशक अमित मित्तल का कहना है कि श्रीनगर और पहलगाम भारत में पसंदीदा पर्यटन स्थल बन गए थे, आतंकी हमले के बाद कोई भी पहलगाम नहीं जाना चाहता, लगभग यही स्थिति श्रीनगर में है। अब पर्यटकों की दिलचस्पी पूर्वोत्तर राज्यों की ओर बढ़ी है। सिक्किम, दार्जिलिंग, गंगटोक से लेकर कई अन्य पूर्वोत्तर राज्य पर्यटन स्थल इस सूची में शामिल हैं।