मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पहाड़ी वन क्षेत्रों में अधिक से अधिक चेकडैम बनाए जाएं, ताकि बरसात के मौसम में जल संरक्षण किया जा सके। इससे न केवल जंगल के पेड़-पौधों की पानी की आवश्यकता पूरी होगी, बल्कि भूजल स्तर को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री आज यहां ‘सीएम घोषणाओं’ से संबंधित परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग, राजस्व, पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव, परिवहन सहित विभिन्न विभागों की परियोजनाओं की समीक्षा की। वे 29 अप्रैल को शेष विभागों की ‘सीएम घोषणाओं’ की परियोजनाओं की भी समीक्षा करेंगे। सैनी ने अधिकारियों से कहा कि चेकडैम के निर्माण में किसी भी कीमत पर गुणवत्ता से समझौता न किया जाए। उन्होंने सभी पुराने चेकडैम की वर्तमान स्थिति की जांच करने और उनकी मरम्मत करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आगामी बरसात के मौसम में सड़कों के किनारे पौधे लगाने के निर्देश दिए और उनकी देखभाल सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे हर जिले में कम से कम दो ऑक्सीवन स्थापित करने की योजना को मूर्त रूप दें। उन्होंने पर्यावरण की दृष्टि से घग्गर नदी को साफ करने के निर्देश देते हुए कहा कि कुछ स्थानों पर एसटीपी के माध्यम से गंदे पानी को साफ करके घग्गर में डाला जा रहा है। इसके लिए उन्होंने निर्देश दिए कि एसटीपी क्षतिग्रस्त न हो और गंदा पानी बाईपास होकर नदी में न जाए। उन्होंने कहा कि यदि कहीं पर भी ऐसी शिकायत मिलती है तो एसटीपी ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाए। मुख्यमंत्री ने ‘सीएम घोषणाओं’ से संबंधित परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि परियोजना के पूरा होने में देरी से उसकी लागत भी बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी वैध कारण से कार्य पूरा होने में देरी होती है तो अधिकारी फाइल में ‘देरी का कारण’ अवश्य लिखें।

