
हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की 128वीं बैठक में हजारों आवंटियों को राहत प्रदान करने के लिए एमनेस्टी योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया।
सैनी सरकार एमनेस्टी योजना क्यों लेकर आई?
नई एमनेस्टी योजना एचवीएसपी के आवंटियों की ओर से बड़ी संख्या में प्राप्त अभ्यावेदनों का परिणाम प्रतीत होती है, जिनके आवासीय भूखंडों को भुगतान में चूक के कारण संबंधित अधिकारियों द्वारा रद्द कर दिया गया था।
योजना के तहत लाभ पाने के लिए कौन पात्र हैं?
6 जुलाई, 2020 के बाद ई-नीलामी के माध्यम से एचएसवीपी (पहले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण-हुडा के रूप में जाना जाता था) द्वारा विकसित विभिन्न शहरी सम्पदाओं में आवासीय भूखंड आवंटित किए गए निवासी, इस योजना के तहत राहत पाने के पात्र हैं। जिन आवंटियों ने प्लॉट की कुल कीमत के 25 प्रतिशत में से कम से कम 15 प्रतिशत राशि पहले ही जमा कर दी है, लेकिन बाद में शेष राशि का भुगतान नहीं किया है, वे इस योजना के तहत लाभ पाने के पात्र होंगे।
योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सैनी, जो एचएसवीपी के चेयरमैन भी हैं, द्वारा औपचारिक रूप से घोषित एमनेस्टी योजना का मुख्य उद्देश्य उन आवंटियों को राहत प्रदान करना है, जिनके आवासीय प्लॉट किसी न किसी बहाने से ई-नीलामी के बाद रद्द कर दिए गए थे। यह योजना आवासीय श्रेणी के प्लॉटों पर लागू होगी, न कि हाउसिंग सोसायटियों पर।
चूक करने वाले आवंटियों के लिए दंड क्या हैं?
चूक करने वाले आवंटियों को अपनी बकाया राशि पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ पूरा भुगतान करना होगा। यह ब्याज दर देय तिथि से वास्तविक भुगतान तिथि तक लागू होगी।
क्या वे आवंटी, जो पहली एमनेस्टी योजना का लाभ नहीं उठा पाए थे, इस योजना के अंतर्गत आते हैं?
हां। हालांकि, इन आवंटियों को मौजूदा योजना के तहत लाभ उठाने के लिए बकाया राशि पर 24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना होगा। बकाया राशि जमा करने की समय-सीमा क्या है? पूरी राशि, मूलधन और ब्याज, योजना की अधिसूचना की तारीख से 60 दिनों के भीतर जमा करनी होगी। इस अवधि में कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा और किश्तों में भुगतान का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है।