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किडनी कांड के 18 साल बाद हरियाणा में हार्ट कांड… डॉ. अमित से कम नहीं 55 सर्जरी करनेवाला ये फेक कॉर्डियोलॉजिस्ट

किडनी कांड के 18 साल बाद हरियाणा में हार्ट कांड… डॉ. अमित से कम नहीं 55 सर्जरी करनेवाला ये फेक कॉर्डियोलॉजिस्ट

हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में 18 साल पहले हुए किडनी घोटाले की यादें अभी धुंधली भी नहीं हुई हैं कि एक और खौफनाक घोटाला सामने आया है। यह नया घोटाला हार्ट सर्जरी का है। बड़ी बात यह है कि यह घोटाला एक सरकारी अस्पताल के अंदर किया गया है। इसमें एक फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने एक-दो नहीं बल्कि 55 लोगों की हार्ट सर्जरी कर दी। इनमें से तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है। वहीं, कई लोगों की हालत बिगड़ने पर उन्हें दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा। इस हार्ट घोटाले की दर्दनाक कहानी आपके रोंगटे खड़े कर सकती है। कहानी में आगे बढ़ने से पहले गुरुग्राम-फरीदाबाद के किडनी घोटाले को जान लेना बेहतर होगा। इस घोटाले को बीएमएस डिग्रीधारक डॉ. अमित कुमार ने अंजाम दिया था। वह आदिवासी या गरीब लोगों को रोजगार दिलाने के बहाने बुलाता था और धोखे से उनकी किडनी निकालकर विदेशी ग्राहकों को दे देता था। वहीं, जब लोग विरोध करते थे तो वह उन्हें 30 से 35 हजार रुपये देकर चुप करा देता था। सूत्रों के मुताबिक, उसके पास न तो सर्जरी का कोई अनुभव था और न ही कोई डिग्री। इसके बावजूद उसने चार साल में 750 से ज्यादा लोगों की किडनी निकालकर विदेशियों को बेचकर करोड़ों रुपये कमाए।

2018 में शुरू हुआ हार्ट सेंटर
अब बात करते हैं हार्ट घोटाले की। फरीदाबाद के बीके सिविल अस्पताल में पीपीपी मोड पर 2018 में हार्ट सेंटर शुरू किया गया था। इस हार्ट सेंटर को मेडिट्रिना हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी चला रही थी। आरोप है कि यह कंपनी बिना वेरिफिकेशन के डॉक्टरों को हायर कर रही थी और उनके जरिए हार्ट के मरीजों का इलाज कर रही थी। इसी बीच जुलाई 2024 में इस कंपनी ने डॉ. पंकज मोहन नाम के व्यक्ति को कार्डियोलॉजिस्ट के तौर पर नियुक्त कर दिया। डॉ. पंकज मोहन की गिनती फरीदाबाद के बड़े डॉक्टरों में होती है।

7 महीने में किए 55 ऑपरेशन
यह डॉक्टर 7 महीने तक नियमित रूप से अस्पताल आता था और हार्ट के मरीजों का इलाज करता था। इन सात महीनों में भी उसने 55 लोगों के हार्ट के ऑपरेशन भी किए। संयोग से एक दिन यह डॉक्टर अस्पताल नहीं आया। एक मरीज उससे मिलने अस्पताल पहुंचा और उसे चैंबर में न देखकर कर्मचारी से पूछा। फिर कर्मचारी की सलाह पर वह डॉ. पंकज मोहन के क्लीनिक पर पहुंचा। वहां पहुंचते ही उसे पता चला कि यह तो कोई और डॉक्टर पंकज मोहन है। क्लीनिक में बैठे डॉ. पंकज मोहन भी सरकारी पर्ची पर अपना नाम और मुहर देखकर हैरान रह गए।

सीएम विंडो में शिकायत के बाद हंगामा

पता चला कि सरकारी अस्पताल में एक फर्जी डॉक्टर डॉ. पंकज मोहन के नाम का दुरुपयोग कर कार्डियोलॉजिस्ट के पद पर बैठा है, लेकिन वह खुलेआम हार्ट सर्जरी भी कर रहा है। उसने तुरंत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से अपने नाम के दुरुपयोग की शिकायत की। इसके बाद फरीदाबाद के एक वकील ने भी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में शिकायत की। लेकिन दो महीने तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिर में वकील ने गृह मंत्रालय और सीएम विंडो में शिकायत की। इसके बाद हंगामा मच गया। मामले की तत्काल जांच के आदेश दिए गए। फिलहाल एसीबी मामले की जांच कर रही है।

तीन लोगों की मौत

जांच एजेंसी से मिले इनपुट के मुताबिक, यह फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट 7 महीने में एक हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज कर चुका है। उन्होंने इनमें से 55 लोगों की हार्ट सर्जरी भी की है। रिपोर्ट के अनुसार, इन 55 लोगों में से 3 लोगों की मौत हो चुकी है। 30 से अधिक लोगों की हालत बिगड़ने पर उन्हें दूसरे अस्पतालों में रेफर करना पड़ा। डॉक्टरों के अनुसार, बिना उचित योग्यता के हार्ट सर्जरी जैसे संवेदनशील ऑपरेशन करने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है।

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