Samachar Nama
×

गर्ल्स के लिए अलर्ट! भारत के इस राज्य में लेट नाईट पार्टी पर पुलिस की सख्त चेतावनी, वायरल पोस्टर ने हर तरफ मचाई खलबली 

गर्ल्स के लिए अलर्ट! भारत के इस राज्य में लेट नाईट पार्टी पर पुलिस की सख्त चेतावनी, वायरल पोस्टर ने हर तरफ मचाई खलबली 

गुजरात के अहमदाबाद में महिलाओं को सुरक्षा सलाह देने के नाम पर लगाए गए पोस्टरों ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इन पोस्टरों पर लिखा था, 'देर रात पार्टी में जाना बलात्कार या सामूहिक बलात्कार को न्योता दे सकता है।' इस तरह की भाषा के लिए पुलिस और सामाजिक संगठनों की कड़ी आलोचना हो रही है। हालाँकि, मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तुरंत इन पोस्टरों को हटा दिया। पुलिस ने यह भी माना कि पोस्टरों में इस्तेमाल की गई भाषा को स्वीकार नहीं किया जा सकता।


महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस द्वारा लगाए गए एक और पोस्टर में लिखा था, 'दोस्तों के साथ अंधेरे और सुनसान इलाकों में न जाएँ, आपका बलात्कार या सामूहिक बलात्कार हो सकता है।' इस तरह के संदेशों का सोशल मीडिया पर भारी विरोध हुआ। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ये पोस्टर यातायात जागरूकता के लिए 'सतर्कता' नामक एक संगठन द्वारा प्रस्तावित किए गए थे। डीसीपी (ट्रैफिक वेस्ट) नीता देसाई और एसीपी (ट्रैफिक एडमिन) शैलेश मोदी ने कहा कि पुलिस को पोस्टरों की पूरी सामग्री की जानकारी नहीं थी और विवाद बढ़ने पर उन्हें तुरंत हटा दिया गया।

पुलिस ने पल्ला झाड़ा

इस बीच, पुलिस ने इस विवाद को टालने की कोशिश की है। एसीपी (ट्रैफिक) एनएन चौधरी ने कहा, 'हमने ऐसी भाषा की कभी अनुमति नहीं दी।' स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता इस घटना से आहत हैं। घाटलोडिया निवासी भूमि पटेल ने कहा, 'ऐसे संदेशों में महिलाओं को दोषी ठहराया जाता है, जबकि असली ज़िम्मेदारी व्यवस्था की है।' बोदकदेव की फिटनेस ट्रेनर ने इसे 'नैतिक पुलिसिंग' करार दिया और कहा कि ये पोस्टर महिला सुरक्षा का मज़ाक उड़ाते हैं।

आपको बता दें कि महिला सुरक्षा को लेकर समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं। पुलिस प्रशासन इसमें गैर-सरकारी संगठनों की भी मदद लेता है। अहमदाबाद में हुए इस पोस्टर अभियान में गैर-सरकारी संगठन भी शामिल थे, लेकिन महिला सुरक्षा के लिए जिस तरह से शब्दों का चयन किया गया, उससे बवाल मच गया। महिलाओं ने ख़ास तौर पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है। नेहरू नगर निवासी एक महिला ने कहा, 'ये पोस्टर उस मानसिकता को उजागर करते हैं जो पीड़िता को दोषी ठहराती है और सुरक्षा में चूक के लिए ज़िम्मेदार संस्थाओं को बचाती है।' इस विवाद ने एक बार फिर महिला सुरक्षा के नाम पर दी जा रही 'सलाह' के तरीके और उसके पीछे की सोच को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

Share this story

Tags