Air India Crash Report: ‘को-पायलट के हाथों में था कंट्रोल, कैप्टन कर रहे थे केवल मॉनिटरिंग’, रिपोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई
अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान (AI171) हादसे की जाँच अब निर्णायक दौर में है। हादसे के लगभग एक महीने बाद, विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट ने इस त्रासदी की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश की है। शुरुआती रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जैसे ही विमान ने आसमान में उड़ान भरी, कुछ ही सेकंड में उसका संतुलन बिगड़ गया और वह इमारत से टकरा गया। पलक झपकते ही 260 जानें चली गईं।
समाचार एजेंसी के अनुसार, रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उड़ान भरते समय विमान का नियंत्रण को-पायलट के हाथ में था। कैप्टन निगरानी कर रहा था और तभी अचानक विमान के दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई।दरअसल, एयर इंडिया के विमान (AI171) ने 12 जून को दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। यह विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था। इसे तकनीकी रूप से बेहद उन्नत और विश्वसनीय माना जाता है। इसकी गिनती दुनिया के सबसे सुरक्षित विमानों में होती है। इस विमान के कॉकपिट में दो पायलट थे, कैप्टन सुमित सभरवाल और सह-पायलट क्लाइव कुंदर।
कैप्टन सुमित सभरवाल (56 वर्ष) एक वरिष्ठ प्रशिक्षण पायलट थे, जो पायलटों के प्रशिक्षण के लिए भी ज़िम्मेदार थे। कैप्टन सभरवाल को 15,638 घंटे से ज़्यादा उड़ान का अनुभव था। जिसमें से उन्होंने बोइंग 787 पर 8,596 घंटे बिताए थे। इसके अलावा, सह-पायलट क्लाइव कुंदर (32 वर्ष) भी अनुभवी थे और उन्होंने ड्रीमलाइनर पर 1,100 घंटे से ज़्यादा उड़ान भरी थी। कुंदर 2017 में एयर इंडिया में शामिल हुए थे। कुंदर को कुल 3,403 घंटे उड़ान का अनुभव था।
प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट में पता चला है कि सह-पायलट विमान उड़ा रहा था, जबकि कैप्टन सभरवाल उसकी निगरानी कर रहे थे। उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद, इंजन 1 और 2 के ईंधन स्विच अचानक 'रन' से 'कटऑफ़' स्थिति में चले गए। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में, एक पायलट ने पूछा, "आपने ईंधन क्यों बंद कर दिया?" इस पर दूसरा पायलट कहता है, "मैंने इसे बंद नहीं किया था।" कुछ ही सेकंड में, "मेडे" का संदेश आता है। इसके तुरंत बाद, विमान नियंत्रण खो बैठा और अहमदाबाद हवाई अड्डे से कुछ दूरी पर स्थित एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकरा गया।
रिपोर्ट में और क्या है?
विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान के तुरंत बाद विमान के दोनों इंजनों को ईंधन आपूर्ति करने वाले स्विच बंद कर दिए गए, जिससे इंजन ने काम करना बंद कर दिया। इसके तुरंत बाद, दोनों पायलटों के बीच हुई बातचीत कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड हो जाती है।
विमान ने भारतीय समयानुसार दोपहर 1:38:39 बजे उड़ान भरी और मात्र 26 सेकंड बाद 08:09:05 पर, एक पायलट ने "मेडे...मेडे...मेडे..." का आपातकालीन संदेश दिया। इसके तुरंत बाद, विमान हवाई अड्डे की सीमा के बाहर एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकरा गया। ईंधन की आपूर्ति अचानक बंद हो जाने से विमान के इंजन N1 और N2 की गति धीरे-धीरे कम होती गई। हालाँकि, ईंधन टैंक और बॉज़र से लिए गए नमूने जाँच में संतोषजनक पाए गए हैं।
एएआईबी ने बताया कि दोनों इंजनों को मलबे से निकालकर हवाई अड्डे पर एक सुरक्षित हैंगर में रख दिया गया है। दुर्घटनास्थल पर ड्रोन से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई है और जाँच के लिए महत्वपूर्ण हिस्सों को अलग कर दिया गया है। अभी तक जाँच में किसी भी साजिश या तकनीकी खराबी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट में बोइंग 787-8 या उसके GE GEnx-1B इंजन के संचालकों के खिलाफ किसी कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई है। फिलहाल जाँच जारी है और आने वाले हफ्तों में अंतिम रिपोर्ट से कई और पहलू सामने आ सकते हैं।एयर इंडिया विमान दुर्घटना में 260 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 242 यात्री और चालक दल के सदस्य शामिल हैं। केवल एक यात्री बच गया।

