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Ahemdabad Plane Crash: इंजन बंद हुए, पर हिम्मत नहीं टूटी…अंतिम क्षण तक प्लेन को बचाने के लिए जूझते रहे दोनों पायलट

Ahemdabad Plane Crash: इंजन बंद हुए, पर हिम्मत नहीं टूटी…अंतिम क्षण तक प्लेन को बचाने के लिए जूझते रहे दोनों पायलट

12 जून, 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे के मामले में विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में विमान दुर्घटना से संबंधित उड़ान में क्या हो रहा था, इस बारे में कई खुलासे किए गए हैं।AAIB की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पायलटों ने आखिरी क्षण तक दोनों इंजनों को चालू करने की कोशिश की थी और कम से कम एक इंजन (इंजन-1) में रिकवरी भी शुरू हो गई थी। लेकिन इंजन-2 ठीक नहीं हो सका।

AAIB रिपोर्ट के अहम खुलासे
AAIB की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पायलटों द्वारा 'मेडे' कॉल देने से कुछ सेकंड पहले विमान को बचाने की आखिरी कोशिश की गई थी।

आखिरी क्षण में क्या हुआ?
रिपोर्ट के अनुसार, "मेडे" कॉल आने से ठीक 13 सेकंड पहले, पायलटों ने इंजन के ईंधन नियंत्रण स्विच को "कटऑफ" से "रन" पर वापस कर दिया, जिसका अर्थ है इंजन को फिर से चालू करने की प्रक्रिया शुरू करना।
दोपहर 1:38:52 बजे, इंजन 1 का ईंधन स्विच "रन" पर चला गया।
दोपहर 1:38:54 बजे, APU (सहायक पावर यूनिट) का इनलेट द्वार खुलने लगा, जिससे इंजन स्टार्ट प्रक्रिया सक्रिय हो गई।
दोपहर 1:38:56 बजे, इंजन 2 को भी "रन" पर चला दिया गया।
इस प्रक्रिया में FADEC (पूर्ण प्राधिकरण डिजिटल इंजन नियंत्रण) प्रणाली ने स्वचालित रूप से ईंधन और प्रज्वलन पर नियंत्रण कर लिया। दोनों इंजनों में EGT (निकास गैस तापमान) में तेज़ी से वृद्धि देखी गई - जो पुनः प्रज्वलन का संकेत था।

एयर इंडिया विमान दुर्घटना की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा (फोटो: पीटीआई)
इंजन 1 स्टार्ट हो रहा था, इंजन 2 फेल हो गया
इंजन 1 का कोर डिसेलेरेशन रुक गया, और इंजन स्टार्ट हो गया।
इंजन 2 भी फिर से चालू हुआ, लेकिन उसकी कोर गति को रोका नहीं जा सका और बार-बार ईंधन भरा गया, लेकिन इंजन पूरी तरह से ठीक नहीं हो सका।

रिकॉर्डिंग कब रुकी?
दोपहर 1:39:11 बजे, EAFR (इंजन एयरक्राफ्ट फ़्लाइट रिकॉर्डर) की रिकॉर्डिंग रुक गई - यानी आखिरी तकनीकी डेटा तब रिकॉर्ड किया गया था।

दुर्घटना में 260 लोगों की मौत
विमान दुर्घटना के समय विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे। इस दुर्घटना में केवल एक यात्री ही जीवित बचा। इसके अलावा, विमान का मलबा एक छात्रावास और आसपास की इमारतों पर गिरा, जिससे 19 लोगों की मौत हो गई। इस दुर्घटना में कुल 260 लोगों की मौत हुई।

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