ये मेरी पर्सनल राय थी, लोग असहमत...', ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ के बाद कांग्रेस की नाराज़गी पर बोले शशि थरूर

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने विश्वव्यापी डेलिगेशन को भेजकर आतंकवाद के खिलाफ अपने मजबूत रुख को स्पष्ट कर दिया है। इस डेलिगेशन में कांग्रेस नेता शशि थरूर भी शामिल हैं, जो वर्तमान में अमेरिका में हैं। थरूर ने अमेरिकी जमीन पर आयोजित पनामा भारतीय समुदाय के समक्ष ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत और महत्व पर विस्तार से बात की।
शशि थरूर ने अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि कैसे आतंकियों ने निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया और पीड़ितों की पत्नियों के सामने जान लेने वाले हमले किए। थरूर ने कहा कि हमने उस समय लोगों की चीख-पुकार सुनी थी, जिसके बाद ऑपरेशन सिंदूर की रूपरेखा तय की गई। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के भीतर भी उठे सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह ऑपरेशन बेहद जरूरी था और इसे सफलतापूर्वक अंजाम देना हमारा कर्तव्य था।
उन्होंने बताया कि आतंकियों द्वारा किए गए हमलों की भयावहता को देखकर भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का फैसला लिया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में आतंकियों के खून के रंग को ‘सिंदूर’ के रंग से जोड़कर महिलाओं की मांग को सम्मानित किया गया। थरूर ने कहा, "हम आतंकी हमलों से दशकों से जूझ रहे हैं और इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। हमारे पास आतंकवादियों के ठिकानों के पुख्ता सबूत हैं।"
थरूर ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने उस हमले के एक आतंकी को जीवित पकड़ने में सफलता पाई थी, जिसने खुलासा किया कि वह पाकिस्तान से था। साथ ही, भारत और अन्य विदेशी एजेंसियों ने पाकिस्तानी हैंडलर्स की आवाज के रिकॉर्ड भी प्रस्तुत किए हैं, जो आतंकवाद के समर्थन की पुष्टि करते हैं।
हाल ही में कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कई सवाल उठाए थे, जिनमें राहुल गांधी भी शामिल थे। हालांकि, थरूर ने अब इस ऑपरेशन की सार्थकता और सही दिशा में उठाए गए कदम के रूप में पुष्टि की है।
पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी सेना ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और कई शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले करने की कोशिश की। लेकिन भारतीय सेना ने अपनी रणनीति और तत्परता से इन हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
यह ऑपरेशन भारत की आतंकवाद के खिलाफ लगातार जंग में एक निर्णायक कदम था, जिसने न केवल आतंकियों को कड़ा संदेश दिया, बल्कि भारतीय सुरक्षा बलों की दक्षता और तत्परता को भी प्रदर्शित किया। शशि थरूर की उपस्थिति और उनके बयान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की इस कार्रवाई की वैधता और जरूरत को और मजबूत किया है।
इस पूरी घटना से यह साफ हो गया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी सूरत में अपनी जनता की सुरक्षा के लिए समझौता नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों को स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने विश्वव्यापी डेलिगेशन को भेजकर आतंकवाद के खिलाफ अपने मजबूत रुख को स्पष्ट कर दिया है। इस डेलिगेशन में कांग्रेस नेता शशि थरूर भी शामिल हैं, जो वर्तमान में अमेरिका में हैं। थरूर ने अमेरिकी जमीन पर आयोजित पनामा भारतीय समुदाय के समक्ष ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत और महत्व पर विस्तार से बात की।
शशि थरूर ने अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि कैसे आतंकियों ने निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया और पीड़ितों की पत्नियों के सामने जान लेने वाले हमले किए। थरूर ने कहा कि हमने उस समय लोगों की चीख-पुकार सुनी थी, जिसके बाद ऑपरेशन सिंदूर की रूपरेखा तय की गई। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के भीतर भी उठे सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह ऑपरेशन बेहद जरूरी था और इसे सफलतापूर्वक अंजाम देना हमारा कर्तव्य था।
उन्होंने बताया कि आतंकियों द्वारा किए गए हमलों की भयावहता को देखकर भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का फैसला लिया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में आतंकियों के खून के रंग को ‘सिंदूर’ के रंग से जोड़कर महिलाओं की मांग को सम्मानित किया गया। थरूर ने कहा, "हम आतंकी हमलों से दशकों से जूझ रहे हैं और इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। हमारे पास आतंकवादियों के ठिकानों के पुख्ता सबूत हैं।"
थरूर ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने उस हमले के एक आतंकी को जीवित पकड़ने में सफलता पाई थी, जिसने खुलासा किया कि वह पाकिस्तान से था। साथ ही, भारत और अन्य विदेशी एजेंसियों ने पाकिस्तानी हैंडलर्स की आवाज के रिकॉर्ड भी प्रस्तुत किए हैं, जो आतंकवाद के समर्थन की पुष्टि करते हैं।
हाल ही में कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कई सवाल उठाए थे, जिनमें राहुल गांधी भी शामिल थे। हालांकि, थरूर ने अब इस ऑपरेशन की सार्थकता और सही दिशा में उठाए गए कदम के रूप में पुष्टि की है।
पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी सेना ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और कई शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले करने की कोशिश की। लेकिन भारतीय सेना ने अपनी रणनीति और तत्परता से इन हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
यह ऑपरेशन भारत की आतंकवाद के खिलाफ लगातार जंग में एक निर्णायक कदम था, जिसने न केवल आतंकियों को कड़ा संदेश दिया, बल्कि भारतीय सुरक्षा बलों की दक्षता और तत्परता को भी प्रदर्शित किया। शशि थरूर की उपस्थिति और उनके बयान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की इस कार्रवाई की वैधता और जरूरत को और मजबूत किया है।
इस पूरी घटना से यह साफ हो गया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी सूरत में अपनी जनता की सुरक्षा के लिए समझौता नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों को स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।