ग्रेटर नोएडा में GRAP-4 का ये हाल… धड़ल्ले से चल रहे हॉट मिक्स प्लांट, चिमनियों से उठता जहरीला धुआं, जिम्मेदार कौन?
गौतम बुद्ध नगर जिले में बढ़ते एयर पॉल्यूशन को देखते हुए सरकार ने GRAP स्टेज 4 लागू किया है। लेकिन, ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके में नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। दादरी थाना इलाके के बील अकबरपुर गांव में एक हॉट मिक्स प्लांट चल रहा है, और उससे निकलने वाला काला, जहरीला धुआं पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले रहा है।
गांव वालों का कहना है कि सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है।
स्थानीय गांव वालों का कहना है कि प्लांट की चिमनियों से लगातार काला धुआं निकल रहा है, जिससे गांव का माहौल जहरीला हो गया है। इसका असर बुजुर्गों, बच्चों और दिल व सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर पड़ रहा है। गांव वालों के मुताबिक, पिछले कई दिनों से लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, सिरदर्द और खांसी हो रही है।
हॉट मिक्स प्लांट किसके इशारे पर चल रहा है?
गांव वालों का आरोप है कि GRAP-4 लागू होने के बावजूद प्लांट चल रहा है, जबकि नियमों के मुताबिक, इस लेवल पर पॉल्यूशन फैलाने वाली इंडस्ट्री और कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर पूरी तरह रोक लगनी चाहिए। लेकिन, हॉट मिक्स प्लांट का लगातार चलना प्रशासन और पॉल्यूशन कंट्रोल सिस्टम के सामने गंभीर सवाल खड़े करता है।
शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
इस बारे में उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। गांव वालों का कहना है कि अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी प्लांट की जांच नहीं की गई और न ही उसे बंद किया गया। इससे अधिकारियों की भूमिका और काम करने के तरीके पर सवाल उठते हैं।
पॉल्यूशन से परेशान गांव वालों ने अब डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से शिकायत कर दखल देने की मांग की है। उनकी मांग है कि हॉट मिक्स प्लांट को तुरंत बंद किया जाए, GRAP-4 नियमों का सख्ती से पालन किया जाए, ताकि इलाके में बढ़ते पॉल्यूशन को कंट्रोल किया जा सके। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो हालात और बिगड़ सकते हैं। लगातार जहरीली हवा में सांस लेना लोगों की सेहत के लिए खतरा है।
गांव वालों ने प्रशासन से सवाल पूछते हुए पूछा है, "अगर जिले में GRAP-4 लागू है, तो यह हॉट मिक्स प्लांट किसके संरक्षण में चल रहा है?" देखना यह है कि प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण विभाग इस मामले में कब तक कार्रवाई करता है और क्या ग्रामीणों को इस जहरीले प्रदूषण से राहत मिलेगी।

