Delhi की ये 20 सीटें तय करेगी सत्ता का रास्ता और क्यों BJP को हैं Congress से उम्मीदें? यहां जानें पूरा समीकरण
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को घोषित किये जायेंगे। 70 सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान हुआ था। मतदान के बाद जारी एग्जिट पोल के नतीजों में भाजपा की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है। इस बीच, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर उनके 15-20 उम्मीदवारों को फोन कर पैसे की पेशकश करने का आरोप लगाया है। उनके बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। चुनाव आयोग के मुताबिक दलित और मुस्लिम बहुल 20 सीटों पर जमकर मतदान हुआ। ऐसी स्थिति में इन 20 सीटों पर जीत हासिल करने वाली पार्टी ही सत्ता में होगी।
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से 12 दलितों के लिए आरक्षित हैं, जबकि 8 सीटें मुस्लिम बहुल हैं। इन सीटों पर भाजपा की स्थिति शुरू से ही काफी दयनीय रही है। भाजपा इन सीटों पर कांग्रेस की मदद से खेल खेलना चाहती है, लेकिन कांग्रेस ने जिस तरह से प्रचार किया है, उससे कहा जा रहा है कि इन सीटों पर उलटफेर की कोई संभावना नहीं है।
मुस्लिम बहुल सीटों पर अधिक मतदान
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक मतदान उत्तर पूर्वी दिल्ली में 64 प्रतिशत से अधिक दर्ज किया गया। सीलमपुर, मुस्तफाबाद, बल्लीमारान, बाबरपुर जैसी सीटें इस जिले में आती हैं। इन सीटों पर मुस्लिम आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है। ऐसे में इन सीटों पर रिकॉर्ड मतदान भी हुआ है। यहां मुख्य मुकाबला आप और कांग्रेस के बीच है। अगर कांग्रेस इन सीटों पर आप के वोट काटती है तो इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है, लेकिन वह भी आरक्षित सीटों पर।
कांग्रेस से भाजपा की उम्मीदें
आपको बता दें कि कांग्रेस ने अपने अभियान की शुरुआत सीलमपुर में रैली से की। इस रैली को राहुल गांधी ने संबोधित किया। ऐसे में लगता है कि मुस्लिम और दलितों का वोट कांग्रेस और आप के बीच बंट सकता है, इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है, लेकिन दलित वोट बैंक 12 सीटों पर काफी प्रभावी है। अगर आप इन सीटों पर एकतरफा जीत दर्ज करती है तो भाजपा के लिए सत्ता की राह आसान नहीं होगी।