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देश के दो बड़े गैंगस्टर में हो गया विवाद, लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार के बीच हो गई दरार

अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई और अमेरिका में छिपा बैठा गोल्डी बरार कभी भारत के सबसे खतरनाक और चर्चित गैंगस्टर नेटवर्क का हिस्सा थे। इन दोनों का गठजोड़ न सिर्फ भारत की पुलिस के लिए सिरदर्द था, बल्कि पूरे अपराध जगत में एक...
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अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई और अमेरिका में छिपा बैठा गोल्डी बरार कभी भारत के सबसे खतरनाक और चर्चित गैंगस्टर नेटवर्क का हिस्सा थे। इन दोनों का गठजोड़ न सिर्फ भारत की पुलिस के लिए सिरदर्द था, बल्कि पूरे अपराध जगत में एक शक्तिशाली गठबंधन के रूप में देखा जाता था। सिद्धू मूसेवाला की हत्या जैसे हाई-प्रोफाइल अपराधों में इनकी संलिप्तता ने इन्हें खतरनाक और प्रभावशाली अपराधी बना दिया था। लेकिन अब खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इन दोनों की राहें अलग हो चुकी हैं।

केंद्रीय एजेंसियों और पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली की पुलिस के अनुसार, लॉरेंस और गोल्डी ने अब एक-दूसरे से संपर्क तोड़ लिया है और अलग-अलग गैंग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यह जानकारी तब सामने आई जब जांच एजेंसियों ने इनके कुछ सहयोगियों से पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक, गोल्डी अब अजरबैजान के गैंगस्टर रोहित गोदारा के साथ मिलकर काम कर रहा है, जबकि लॉरेंस ने कनाडा में रह रहे नोनी राणा से गठजोड़ कर लिया है।

नोनी राणा, हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर काला राणा का छोटा भाई है और अमेरिका से वीपीएन के जरिए कॉल कर के भारत में उगाही कर रहा है। यह नई रणनीति पुलिस के लिए एक नई चुनौती बन गई है क्योंकि इससे उनकी लोकेशन ट्रेस करना मुश्किल हो गया है।

गोल्डी और रोहित गोदारा द्वारा हाल ही में कनाडा के मिसिसॉगा में हुए एक बिजनेसमैन की हत्या की जिम्मेदारी ली गई, लेकिन इस सोशल मीडिया पोस्ट में लॉरेंस का कोई ज़िक्र नहीं था। यह एक संकेत था कि दोनों के रिश्तों में दरार आ चुकी है। लॉरेंस भी अब हरियाणा और आसपास के इलाकों में अपने नए नेटवर्क के जरिए उगाही का नया तंत्र खड़ा कर चुका है।

एक समय पर लॉरेंस, गोल्डी, काला राणा और कई अन्य गैंगस्टरों ने मिलकर एक मजबूत आपराधिक नेटवर्क तैयार किया था। लेकिन अब अहंकार, सत्ता की होड़ और क्षेत्रीय वर्चस्व की लड़ाई ने इस गठबंधन को बिखेर दिया है। इससे पहले भी लॉरेंस से पंजाब के जग्गू भगवानपुरिया और हरियाणा के काला जठेरी अलग हो चुके हैं। अब गोल्डी का हटना लॉरेंस के साम्राज्य में अंदरूनी टूट का संकेत है।

एनआईए और राज्यों की पुलिस एजेंसियां इस घटनाक्रम पर गंभीर नजर रखे हुए हैं। हाल ही में एक बैठक में इस मुद्दे पर रणनीति बनाई गई है।

अब सवाल यह है कि क्या लॉरेंस और गोल्डी के ये नए गठबंधन पहले से अधिक खतरनाक साबित होंगे, या फिर यह आपसी फूट ही उनके अपराध साम्राज्य के पतन की शुरुआत बनेगी? भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक नई चुनौती बन चुकी है, जिसका हल जल्द तलाशना ज़रूरी होगा।

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