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संसद का मानसून सत्र आज से शुरू, जानिए एक घंटे की कार्यवाही के लिए कितना खर्च करती है भारत सरकार?

संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है। इस दौरान सभी दलों के सांसद अपने-अपने मुद्दों को लेकर संसद पहुँचते हैं। वे सरकार के मंत्रियों से सवाल करते हैं। साथ ही, इस सत्र में कई विधेयकों पर मुहर लगती है। यह सत्र महीनों चलता है, लेकिन कई....
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संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है। इस दौरान सभी दलों के सांसद अपने-अपने मुद्दों को लेकर संसद पहुँचते हैं। वे सरकार के मंत्रियों से सवाल करते हैं। साथ ही, इस सत्र में कई विधेयकों पर मुहर लगती है। यह सत्र महीनों चलता है, लेकिन कई बार यह तय समय से पहले ही पूरा हो जाता है। इतने सारे मंत्रियों और सांसदों का पूरे दिन का खर्च कितना होता है? यहाँ पढ़ें कि संसद की एक दिन की कार्यवाही में कितना खर्च होता है?

एक सत्र में कितना खर्च होता है?

रिपोर्ट्स के अनुसार, हर मिनट पर 2,50,000 रुपये खर्च होते हैं। इस तरह देखा जाए तो प्रति घंटे लगभग 1.5 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। वहीं, अगर संसद की कार्यवाही पूरे दिन चलती है, तो खर्च 9 करोड़ रुपये तक पहुँच सकता है। हालाँकि, इस खर्च का कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया गया है।

किस शिक्षा में खार्ट होता है 

इस पूरे सत्र के दौरान संसद भवन की रोशनी, पानी, भवन रखरखाव, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, लाइट, मरम्मत, सीसीटीवी कैमरे जैसी चीज़ों पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। सुरक्षा के लिए यहाँ सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस तैनात रहती है। संसद में काम करने वाले लोगों का वेतन, पेट्रोल, खाना भी इसी खर्च में शामिल होता है।

इस कार्यवाही में शामिल होने वाले सभी सांसदों का दैनिक भत्ता भी इसी खर्च से दिया जाता है। लाइव टेलीकास्ट और आईटी सिस्टम इस पूरी प्रक्रिया को जनता तक पहुँचाने का काम करते हैं, जिस पर रोज़ाना करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। इसके साथ ही, अगर हंगामे के कारण संसद भंग हो जाती है, तो इससे भारी नुकसान होता है।

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