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Supreme Court judges: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों को मंजूरी देने में केंद्र की देरी के खिलाफ याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केंद्र के पास अटकी कॉलेजियम की सिफारिशों के मुद्दे पर सोमवार को सुनवाई.....
मध्य प्रदेश में 'कौन बनेगा करोड़पति' कार्यक्रम के कूटरचित वीडियो ने बवाल मचा दिया है। इस मामले के तूल पकड़ने पर सरकार और भाजपा हरकत में आई। सरकार की ओर से जहां वास्तविकता वाला वीडियो जारी किया गया, वहीं भाजपा की ओर से कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख के. के. मिश्रा के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।  सोशल मीडिया पर रविवार को एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें केबीसी में अमिताभ बच्चन सागर जिले के खुरई निवासी एक व्यक्ति से सवाल कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि घोषणा मशीन किस मुख्यमंत्री को कहा जाता है। इसके जवाब में संबंधित व्यक्ति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लेता है।  यह वीडियो वायरल होते ही सियासत में हलचल मच जाती है। इस पर सरकार की ओर से खुरई निवासी उस व्यक्ति की खोज की जाती है, जिसने केबीसी में हिस्सा लिया था और उसकी ओर से एक वीडियो भी जारी कराया जाता है, जो बताता है कि इस तरह का सवाल ही नहीं पूछा गया। इसके बाद भाजपा की ओर से विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक अशोक विश्वकर्मा एवं सदस्य राहुल श्रीवास्तव ने भोपाल के क्राइम ब्रांच थाने पहुंचकर दस्तावेजों के साथ लिखित में शिकायत की और के.के. मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।  मिश्रा ने यह वीडियो एक्स पर साझा किया था। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा द्वारा रविवार की सुबह अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (ट्विटर) पर एक फर्जी एवं कूटरचित वीडियो केबीसी का बताकर जारी किया।  मिश्रा ने साजिश के तहत मुख्यमंत्री को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया। जब सोशल मीडिया पर झूठे ट्वीट को लेकर उनकी फजीहत हुई तो उन्होंने फर्जी वीडियो को हटा दिया। इससे साफ है कि कांग्रेस झूठ की फैक्ट्री बन गई है। भाजपा के विधि प्रकोष्ठ ने क्राइम ब्रांच थाने में के.के. मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।

 दिल्ली न्यूज डेस्क !!! सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केंद्र के पास अटकी कॉलेजियम की सिफारिशों के मुद्दे पर सोमवार को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति एस.के. कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ एडवोकेट्स एसोसिएशन बेंगलुरु द्वारा नियुक्तियों के लिए कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नामों को अधिसूचित करने में देरी पर केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई फिर से शुरू करेेेगी। शीर्ष अदालत ने 26 सितंबर को कहा था कि वह उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए कॉलेजियम की सिफारिशों को मंजूरी देने में केंद्र द्वारा की गई देरी की बारीकी से निगरानी करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर.वेंकटरमणी से कहा कि एससी कॉलेजियम द्वारा की गई लगभग 70 सिफारिशें मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास लंबित हैं। वेंकटरमणी द्वारा दिए गए आश्‍वासन पर कि वह इस मुद्दे पर सरकार के निर्देश प्राप्त करेंगे, शीर्ष अदालत ने सुनवाई 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति कौल ने कहा था, "मैंने बहुत कुछ कहने के लिए सोचा था, लेकिन चूंकि अटॉर्नी (जनरल) केवल सात दिनों का समय मांग रहे हैं, इसलिए मैं खुद को रोक रहा हूं। अगली तारीख पर मैं शायद चुप नहीं रहूंगा।" 

Supreme Court To Hear Petitions On Delay In Clearing Names By Collegium On  October 9

सुप्रीम कोर्ट ने देरी पर केंद्र को चेतावनी देते हुए फरवरी में कहा था कि इसके परिणामस्वरूप प्रशासनिक और न्यायिक दोनों कार्रवाइयां हो सकती हैं, जो सुखद नहीं हो सकती हैं। कहा गया, ''हमें ऐसा रुख अपनाने पर मजबूर न करें जो बहुत असुविधाजनक हो...।''

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