संसद में बोलने की सूची में नाम नहीं होने पर शशि थरूर का अनोखा रिएक्शन
हाल ही में संसद में पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के लिए सत्ता और विपक्ष के बीच सहमति बनी थी। इस चर्चा में विपक्ष के कई नेताओं को बोलने का मौका मिला, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर का नाम संसद में बोलने वालों की सूची में नहीं था। जब मीडिया ने इस पर उनसे प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने बड़ी सहजता से कहा, "मौन व्रत, मौन व्रत," और मुस्कुराते हुए सदन के अंदर चले गए। यह रिएक्शन लोगों के लिए थोड़ा हैरान करने वाला था, क्योंकि थरूर की सक्रियता और वक्तव्य कौशल के लिए वे सदैव जाने जाते हैं।
चर्चा के लिए कांग्रेस ने जिन नेताओं को चुना
पहलागाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा एवं राज्यसभा में 16-16 घंटे की चर्चा के लिए कांग्रेस ने छह नेताओं की लिस्ट जारी की, जिनमें शामिल थे:
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गौरव गोगोई
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प्रियंका गांधी वाड्रा
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दीपेंद्र हुड्डा
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प्रणीति एस शिंदे
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सप्तगिरि उलाका
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बिजेंद्र एस ओला
शशि थरूर का नाम इस सूची में नहीं था, जिससे कयास लगाए जाने लगे कि पार्टी और थरूर के बीच दूरी बढ़ रही है। खासतौर पर जब थरूर को इन महत्वपूर्ण चर्चा में जगह नहीं दी गई।
अमेरिका और अन्य देशों के दौरे पर थरूर नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल
इस बीच, सरकार ने शशि थरूर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को अमेरिका और अन्य देशों के दौरे पर भेजा था, जिसमें भारत के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान की कायराना हरकतों को विश्व मंच पर उजागर किया गया। इस कदम से भी थरूर और कांग्रेस पार्टी के बीच तनाव की खबरें उड़ीं।
शशि थरूर ने CPP कार्यालय में नहीं भेजा कोई अनुरोध
संसद में बोलने वाले सांसदों की सूची बनाते समय कांग्रेस संसदीय दल (CPP) कार्यालय को अनुरोध भेजना होता है कि वे किस मुद्दे पर बोलना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर बोलने के लिए CPP ऑफिस को कोई अनुरोध नहीं भेजा था। यह भी बताया गया कि जो सांसद बोलना चाहते हैं, वे स्वयं आवेदन देते हैं। इस वजह से उनका नाम सूची में नहीं था।
संसद में चर्चा के लिए अन्य प्रमुख वक्ता
संसद में इस महत्वपूर्ण विषय पर विभिन्न दलों के कई सांसद बोलने के लिए सूचीबद्ध थे। सरकार की ओर से मुख्य वक्ताओं में थे:
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राजनाथ सिंह
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बैजयंत पांडा
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डॉ. एस जयशंकर
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तेजस्वी सूर्या
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संजय जयसवाल
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अनुराग ठाकुर
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कमलजीत सहरावत
विपक्ष की ओर कांग्रेस के अलावा, टीडीपी, सपा, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और एनसीपी (एसपी) के भी कई सांसद बोलने वाले थे।
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा
22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके बाद भारत ने 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। इस घटना को लेकर संसद में व्यापक चर्चा हुई। विपक्षी दलों ने इस दौरान खुफिया विफलता, भारत के अंतरराष्ट्रीय समर्थन और पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने के मुद्दे उठाए। खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात पर सवाल खड़े किए गए, जिसे सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया।

