उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 8–10 डिग्री सेल्सियस
उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। कई इलाकों में विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है, जिससे सड़क और रेल यातायात में रुकावटें उत्पन्न हो रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, यह स्थिति 27 दिसंबर तक बनी रह सकती है।
विशेष रूप से दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में सुबह और रात के समय तापमान काफी कम रहने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि घना कोहरा दृश्यता को प्रभावित कर सकता है और ड्राइविंग करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
क्रिसमस के दिन यानी 25 दिसंबर को दिल्ली में तापमान सामान्य स्तर के करीब रहने का अनुमान है। आसमान साफ रहेगा, लेकिन सुबह के समय हल्का कोहरा छाया रहेगा। न्यूनतम तापमान 8–10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है, जबकि दिन के समय हल्की धूप के कारण वातावरण थोड़ी गर्माहट अनुभव करेगा। हालांकि, सुबह और रात में ठंडक काफी तेज रहेगी।
उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भी कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम रही है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में सुबह के समय घना कोहरा छाया हुआ है। ट्रैफिक पुलिस ने वाहन चालकों से सलाह दी है कि वे धीमी गति से वाहन चलाएं और हेडलाइट का उपयोग करें।
मौसम विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि कोहरे के चलते कई फ्लाइट और रेल सेवाओं में देरी हो सकती है। इसलिए यात्रा करने वाले लोगों को अतिरिक्त समय की योजना बनानी चाहिए। इसके अलावा, लोग हल्के ऊनी कपड़े पहनें और ठंड से बचाव के लिए गर्म पेय का सेवन करें।
कड़ाके की ठंड और कोहरे का यह दौर आम लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी पैदा कर सकता है। बुजुर्ग और बच्चों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि सुबह और रात के समय लंबे समय तक बाहर रहने से बचें और यदि घर से बाहर जाना आवश्यक हो तो गर्म कपड़े और मास्क का उपयोग करें।
दिल्ली में दोपहर के समय हल्की धूप रहने के बावजूद सुबह और रात की ठंड से राहत नहीं मिलेगी। तापमान में यह गिरावट उत्तर भारत में अगले कुछ दिनों तक बनी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने नागरिकों से कहा है कि वे अद्यतन मौसम संबंधी जानकारी के लिए स्थानीय मौसम चेतावनी प्रणाली पर नजर रखें।
इस प्रकार, उत्तर भारत में ठंड और घना कोहरा अगले सप्ताह तक जनजीवन और यातायात को प्रभावित करता रहेगा। प्रशासन और मौसम विभाग की सतर्कता के साथ-साथ नागरिकों की सावधानी ही इस मौसम में सुरक्षा और स्वास्थ्य बनाए रखने का मुख्य उपाय है।

