TISS की रिपोर्ट में खुलासा! अगले 120 साल में भारत की हिन्दू आबादी घटकर रह जाएगी 67 फीसदी, जानिए क्या है इसका कारण ?
TISS की नई डॉक्यूमेंट्री 'डेमोग्राफी इज़ डेस्टिनी' के आंकड़ों और जमीनी अध्ययन से भारत की भावी जनसंख्या के बारे में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस डॉक्यूमेंट्री की विशेष स्क्रीनिंग विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (14 अगस्त) पर मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में आयोजित की गई। इस अवसर पर RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर और TISS के कुलपति प्रो. बद्री नारायण तिवारी उपस्थित थे।
TISS की डॉक्यूमेंट्री के अनुसार, अगले 120 वर्षों में देश में हिंदुओं की जनसंख्या 67% हो जाएगी। RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर के अनुसार, जनसांख्यिकी एक महत्वपूर्ण अध्ययन है। TISS में इस विषय का अध्ययन अकादमिक दृष्टिकोण से किया जाना चाहिए। हर देश की अपनी पहचान और संस्कृति होती है। भारत भी एक ऐसा ही देश है, जिसकी जनसांख्यिकी कुछ दशक पहले तक शांतिपूर्ण और स्थिर मानी जाती थी।
बदलती जनसांख्यिकी के कारण बदलाव
सुनील आंबेकर ने कहा कि भारत की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। आंबेकर ने कहा कि जो लोग हमला करने आए थे, वे समझते थे कि अगर भारत को बदलना है, तो भारत की जनसांख्यिकी को बदलना होगा, ताकि यहाँ के लोग भी उन्हीं नियमों का पालन करें जिनका हम पालन कर रहे हैं। बिहार और बांग्लादेश में ऐसे कई मामले हैं जहाँ जनसांख्यिकी परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। जनसांख्यिकी में बदलाव के कारण इसका राजनीतिक प्रभाव और चुनावी बदलाव काफ़ी व्यापक रहा है।
विश्व में हिंदुओं की जनसंख्या
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, ईसाई, मुस्लिम और अन्य धर्मों से जुड़े लोगों के बाद हिंदू चौथा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है। वैश्विक हिंदू आबादी का 99% हिस्सा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रहता है, जिसमें से लगभग 95% हिंदू भारत में रहते हैं। भारत, नेपाल और मॉरीशस में हिंदू सबसे बड़ा धार्मिक समूह है।

