Operation Sindoor में पाकिस्तान को याद दिलाई नानी, PM मोदी ने भेजा न्योता... लेकिन फिर भी मिलने क्यों नहीं आद असदुद्दीन ओवैसी? जानें कारण

मंगलवार शाम को पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस बैठक में ऑपरेशन सिंदूर प्रतिनिधिमंडल के सभी प्रमुख चेहरे मौजूद थे। मसलन शशि थरूर, सुप्रिया सुले और कनिमोझी। लेकिन इस बैठक में वो शख्स नजर नहीं आया, जिसकी दादागिरी की वजह से पाकिस्तान को सबसे ज्यादा दर्द हुआ। जो पाकिस्तान की लंका पर हमला करने के लिए विदेश चला गया। जी हां, हम बात कर रहे हैं असदुद्दीन ओवैसी की। मंगलवार शाम पीएम नरेंद्र मोदी के सरकारी आवास पर हुई सर्वदलीय बैठक से एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी नदारद रहे। इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के तमाम नेता शामिल हुए, जो हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की वैश्विक पहल के तहत विदेश दौरे से लौटे हैं।
अब सवाल यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के प्रतिनिधिमंडल के लिए आयोजित पीएम मोदी की सर्वदलीय बैठक में ओवैसी क्यों नहीं गए? इसकी वजह खुद ओवैसी ने बताई है। असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि उन्हें बैठक से क्यों दूर रहना पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने एक करीबी रिश्तेदार और बचपन के दोस्त की मेडिकल इमरजेंसी की वजह से दुबई जाना पड़ा। उन्होंने अपने ऑपरेशन सिंदूर प्रतिनिधिमंडल के नेता भाजपा सांसद बैजयंत पांडा को अपनी स्थिति के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था।
ओवैसी ने बताई अपने लापता होने की वजह
न्यूज एजेंसी एएनआई से फोन पर ओवैसी ने कहा, 'मैं देश से बाहर हूं। मुझे मेडिकल इमरजेंसी के चलते दुबई जाना पड़ा। मेरे रिश्तेदार और बचपन के दोस्त की अचानक तबीयत खराब होने के कारण मुझे जाना पड़ा। मैंने अपने प्रतिनिधिमंडल के नेता बैजयंत पांडा को इस बारे में सूचित कर दिया है।' इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद पर भारत का रुख रखने के लिए प्रतिनिधियों के प्रयासों की सराहना की।
पीएम मोदी का अनुभव
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विभिन्न देशों की यात्रा कर लौटे प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की। बैठक में सांसद, पूर्व सांसद और हाल ही में कई देशों की यात्रा कर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिष्ठित राजनयिक शामिल हुए। यह बैठक प्रधानमंत्री मोदी के आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर हुई। इन 7 प्रतिनिधिमंडलों में सभी दलों के सांसदों के साथ-साथ पूर्व सांसद और अनुभवी राजनयिक भी शामिल थे। सभी ने अपने-अपने दौरों के अनुभवों को साझा किया और बताया कि किस तरह उन्होंने विभिन्न देशों में भारत के विजन और मूल्यों का मजबूती से प्रतिनिधित्व किया। प्रतिनिधियों ने कहा कि अपनी विदेश यात्राओं में उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त रुख और वैश्विक शांति के लिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता को प्रमुखता से उजागर किया। उन्होंने यह भी कहा कि इन बैठकों के दौरान दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा और प्रभाव को और मजबूती मिली।
विदेश में रखा भारत का मजबूत पक्ष
गौरतलब है कि विभिन्न दलों के सांसदों के कुल 7 समूहों के प्रतिनिधिमंडलों ने विभिन्न देशों का दौरा किया और आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति को सामने रखा। भारत की सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार ने एक प्रतिनिधिमंडल को विदेश दौरे पर भेजने का फैसला किया था। ऑपरेशन सिंदूर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों पर हुए हमले का भारत का जवाब था। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने 33 से अधिक देशों का दौरा किया। इन दलों ने 33 देशों की राजधानियों और यूरोपीय संघ के मुख्यालयों का दौरा किया। ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम हमले का भारत का जवाब था।