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पाकिस्तान हो रहा समंदर में हलचल से परेशान! 15 दिन में दागे 17 रॉकेट, क्या कर रहा भारत?

डीआरडीओ ने दुश्मन की पनडुब्बियों को मार गिराने के लिए एक स्वदेशी एंटी-सबमरीन रॉकेट विकसित किया है। पिछले 15 दिनों (23 जून - 7 जुलाई) को भारतीय नौसेना ने इस विस्तारित रेंज एंटी-सबमरीन रॉकेट (ERASR) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.........
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डीआरडीओ ने दुश्मन की पनडुब्बियों को मार गिराने के लिए एक स्वदेशी एंटी-सबमरीन रॉकेट विकसित किया है। पिछले 15 दिनों (23 जून - 7 जुलाई) को भारतीय नौसेना ने इस विस्तारित रेंज एंटी-सबमरीन रॉकेट (ERASR) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए नौसेना, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और उद्योग जगत को बधाई दी है। राजनाथ सिंह के अनुसार, इस परीक्षण से भारतीय नौसेना की 'स्ट्राइकिंग पावर' में वृद्धि हुई है।

विभिन्न रेंज पर 17 रॉकेटों का परीक्षण

पिछले 15 दिनों में, भारतीय नौसेना द्वारा डीआरडीओ की पुणे स्थित आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE) प्रयोगशाला के सहयोग से युद्धपोत INS कवरत्ती से 17 रॉकेटों का विभिन्न रेंज पर परीक्षण किया गया। इस परीक्षण में नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला ने भी सहायता की।

इरेज़र पूरी तरह से स्वदेशी रॉकेट है

खास बात यह है कि इरेज़र का परीक्षण स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर का उपयोग करके किया गया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इरेज़र पूरी तरह से स्वदेशी रॉकेट है, जिसका इस्तेमाल भारतीय नौसेना के युद्धपोतों द्वारा युद्ध के लिए किया जाता है। इसमें ट्विन रॉकेट मोटर कॉन्फ़िगरेशन है, जिससे इरेज़र को अलग-अलग दूरी पर अत्यधिक सटीकता के साथ दागा जा सकता है। इस पनडुब्बी रोधी रॉकेट में स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक टाइम फ़्यूज़ लगा है।

इरेज़र रॉकेट जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल होगा

परीक्षण के दौरान रेंज के अलावा, इलेक्ट्रॉनिक टाइम फ़्यूज़ की कार्यप्रणाली और वारहेड का भी परीक्षण किया गया। उपयोगकर्ता-परीक्षण के सफल समापन से इरेज़र रॉकेट के जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सरकारी उपक्रम भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और निजी कंपनी सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (नागपुर) संयुक्त रूप से इरेज़र रॉकेट का उत्पादन करेंगे।

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