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Parliament Special Session विपक्षी ने की महिला आरक्षण बिल पास करने की मांग, मनीष तिवारी बोले- Lok Sabha में चीन पर एक भी चर्चा नहीं

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोमवार को पुराने संसद भवन में अपना आखिरी भाषण देते हुए सुझाव दिया कि संसद और बड़े राज्यों की विधानसभाओं को हर साल कम से कम 100 दिन काम करने के लिए एक कानून बनाना चाहिए। साथ ही छोटे राज्यों की विधानसभाएं कम से कम 55 दिनों तक कार्य करें, इसकी रूपरेखा तैयार की जानी..... 
पुराने से नए संसद भवन में शिफ्ट होने से पहले मंगलवार को सुबह 11 बजे सेंट्रल हॉल में एक समारोह होगा, जिसके डेढ़ घंटे तक चलने की संभावना है।  सूत्रों के मुताबिक इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का भाषण हो सकता है।  सूत्रों के मुताबिक संसद में सबसे ज्यादा टर्म तक सांसद रहने वाले तीन वर्तमान सांसदों, जिसमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और शिबू सोरेन शामिल हैं, को भी सेंट्रल हॉल में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया है।  आपको बता दें कि सबसे ज्यादा टर्म के लिहाज से लोकसभा में वर्तमान में सबसे वरिष्ठ सांसद मेनका गांधी हैं और राज्यसभा में सबसे वरिष्ठ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह हैं।  वहीं, दोनों सदनों में मिलाकर सबसे ज्यादा टर्म वाले वरिष्ठ वर्तमान सांसद जेएमएम के शिबू सोरेन हैं।  इससे पहले मंगलवार को सुबह 9:30 बजे संसद के पुराने भवन में सभी सांसदों का फोटो सेशन होगा। सेंट्रल हॉल के इस कार्यक्रम के समापन के बाद विधिवत पूजा के साथ नई संसद में प्रवेश शुरू होगा। संसद के नए भवन में मंगलवार को दोपहर बाद 1:15 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होगी।  आपको बता दें कि संसद के विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'संसद में आजादी के 75 सालों की संसदीय यात्रा - संविधान सभा से लेकर आज तक की उपलब्धियां, यादों अनुभव और सबक पर' चर्चा की शुरुआत की। सभी राजनीतिक दलों के महत्वपूर्ण नेताओं ने इस विषय पर चर्चा में भाग लिया।  चर्चा का समापन करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि नए संसद भवन में सांसद गलत परिपाटियों को छोड़कर चर्चा को उच्चस्तर पर लेकर जाएंगे और भारत के लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को और ज्यादा बढ़ाएंगे।  इसके बाद स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करते हुए सदन में घोषणा की कि मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही नए संसद भवन में दोपहर 1:15 बजे शुरू होगी।

दिल्ली न्यूज डेस्क !!! कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोमवार को पुराने संसद भवन में अपना आखिरी भाषण देते हुए सुझाव दिया कि संसद और बड़े राज्यों की विधानसभाओं को हर साल कम से कम 100 दिन काम करने के लिए एक कानून बनाना चाहिए। साथ ही छोटे राज्यों की विधानसभाएं कम से कम 55 दिनों तक कार्य करें, इसकी रूपरेखा तैयार की जानी चाहिए। संसद के विशेष सत्र के पहले दिन, जो पुराने संसद भवन में कामकाज का आखिरी दिन भी था, संसद के 75 वर्ष पूरे होने पर चर्चा में भाग लेते हुए, तिवारी ने दल-बदल विरोधी कानून पर फिर से विचार करने का भी सुझाव दिया।

वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर भारत में चीनी घुसपैठ पर चर्चा की मांग करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों को बहस के लिए नजरअंदाज किया जा रहा है। कांग्रेस सांसद ने पिछले 75 वर्षों में संसद द्वारा अस्पृश्यता उन्मूलन, एससी/एसटी के लिए आरक्षण, शिक्षा का अधिकार और काम करने का अधिकार सहित कई उपलब्धियों को भी सूचीबद्ध किया। शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने पंजाबी सिख समुदाय की उपलब्धियों के बारे में बात की।

उन्होंने 1984 के सिख दंगों पर दु:ख जताया और संसद में इसकी सर्वसम्मत निंदा की मांग की। समाजवादी पार्टी के एस.टी. हसन ने पार्टी के साथी सहयोगी और पूर्व सांसद आजम खान को जेल में रखे जाने पर दु:ख जताया। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष से संपर्क कर खान की रिहाई में मदद मांगी थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हसन ने हिजाब, अजान, नमाज और तीन तलाक पर आपत्ति का हवाला देते हुए मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती असहिष्णुता की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि उन्हें मुस्लिम समुदाय के हाशिये पर चले जाने का डर है।

पिछली कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए बसपा सांसद गिरीश चंद्र ने दावा किया कि जवाहरलाल नेहरू ने पहले आम चुनाव में बाबा साहब अंबेडकर को समर्थन न देकर उन्हें हराने की साजिश रची थी। अंबेडकर की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए, उन्होंने याद दिलाया कि कैसे कांग्रेस द्वारा खड़ी की गई कई बाधाओं के कारण अंबेडकर को कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि, "पुरानी इमारत से नई इमारत में जाने से पहले हमें अपने देश इंडिया यानी भारत का सही अर्थ समझने की जरूरत है। हम दोनों नामों से खुश और सहज हैं। हम इसे दोहराना चाहते हैं।" उन्‍होंने कहा, “संसदीय लोकतंत्र में सदन विपक्ष का होना चाहिए। बिना बहस या चर्चा के बिल पास किये जा रहे हैं, यह कोई अच्छी मिसाल नहीं है। दोनों पक्षों को अपने दृष्टिकोण में अधिक उद्देश्यपूर्ण होना होगा।"

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