अभी ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह बंद भी नहीं हुआ था और उधर भारत ने अग्नि-1 और पृथ्वी-2 मिसाइल का कर दिया सर्विस चेक, जानें क्या इसका मतलब?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को भी कड़ा संदेश दिया कि अब भारत बहुत आगे निकल आया है। आतंकवाद को पालने-पोसने और उसका समर्थन करने वालों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब भारत ने पाकिस्तान के नूर खान समेत 11 सैन्य एयरबेसों को निशाना बनाया, तो आतंकी भड़क उठे। भारत ने शांति वार्ता की बात तो मान ली, लेकिन साफ कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर एक विराम है, खत्म नहीं। पिछले दो दिनों में भारत के मजबूत रणनीतिक कदमों ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। एक तरफ भारत ने लद्दाख (LAC-चीन सीमा) में हिमालय की ऊंचाइयों पर आकाश एयर डिफेंस सिस्टम के उन्नत संस्करण आकाश प्राइम को तैनात किया, तो दूसरी तरफ समुद्र में अग्नि-1 और पृथ्वी-2 शॉर्ट रेंज मिसाइलों का सफल परीक्षण कर अपनी तैयारियों को परखा। इस तरह भारत ने एक ही झटके में पाकिस्तान और उसके दोस्त चीन को कड़ा संदेश दे दिया।
लद्दाख में तैनात वायु रक्षा प्रणाली 'आकाश' अब उन्नत संस्करण में है, जिसकी मारक क्षमता 25-30 किलोमीटर तक बढ़ गई है और सटीकता व प्रतिक्रिया समय में भी सुधार हुआ है। यह भारतीय वायुसेना और थलसेना दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। खासकर तब जब चीनी सेना ने भी LAC के पास हवाई पट्टियाँ और रडार सक्रिय कर दिए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह तैनाती एक रक्षात्मक कदम के साथ-साथ एक रणनीतिक चेतावनी भी है। यह चीन को स्पष्ट संदेश है कि भारत अपनी सीमा निगरानी और सुरक्षा को हल्के में नहीं लेता। आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली आकाश ने अपनी ताकत से दुनिया को चौंका दिया था। भारत ने अब इसके उन्नत संस्करण आकाश प्राइम का सफल परीक्षण किया है। इसे लद्दाख में भी तैनात किया गया है और बिना कुछ कहे चीन-पाकिस्तान को चेतावनी दी है।
अग्नि-1 और पृथ्वी-2 मिसाइलें
भारत ने अपनी सामरिक क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए गुरुवार, 17 जुलाई, 2025 को ओडिशा तट के एकीकृत परीक्षण रेंज से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, विशेष सामरिक बल कमान द्वारा किए गए मिसाइलों के परीक्षण सभी परिचालन और तकनीकी मानकों पर खरे उतरे। दिलचस्प बात यह है कि यह मिसाइल परीक्षण भारत और पाकिस्तान के बीच 7-10 मई को हुए सैन्य संघर्ष के दो महीने बाद हुआ है। पृथ्वी-2 मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 350 किलोमीटर है और यह 500 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है। वहीं, अग्नि-1 मिसाइल की मारक क्षमता 700-900 किलोमीटर है और यह 1,000 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकती है।
आकाश प्राइम की शक्ति
आकाश प्राइम रक्षा प्रणाली भारतीय सेना के लिए विकसित की गई है। लद्दाख में इस मिसाइल का परीक्षण इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास है। रक्षा मंत्रालय ने एक अलग बयान में कहा, "भारत ने 16 जुलाई को भारतीय सेना के लिए आकाश हथियार प्रणाली के उन्नत संस्करण, आकाश प्राइम द्वारा लद्दाख में उच्च ऊंचाई पर स्थित दो हवाई उच्च गति वाले मानवरहित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।" इसमें एक स्वदेशी रूप से विकसित रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर भी शामिल है। आपको बता दें कि बदली हुई सामरिक परिस्थितियों में एक एयर डिफेंस सिस्टम का होना बेहद ज़रूरी है, ताकि दुश्मन के हमले को हवा में ही नाकाम किया जा सके। आकाश प्राइम सिस्टम इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

