रायसीना बंगाली स्कूल की नीलामी के खिलाफ याचिका पर दिल्ली सरकार, RBI को नोटिस
याचिकाकर्ता की जनहित याचिका न तो सरकार के खिलाफ है और न ही किसी निजी स्कूल के खिलाफ है, बल्कि छात्रों के अधिकार की रक्षा के लिए अदालत से हस्तक्षेप की मांग की गई है।याचिकाकर्ता ने जनहित में कई रिट याचिकाएं दायर की हैं और इस अदालत ने ज्यादातर मामलों में ईडब्ल्यूएस/डीजी श्रेणी के बच्चों के हित में उनके दखिले के मामले में और उनके अधिकारों के लिए भी ऐतिहासिक निर्णय पारित किए हैं।मौजूदा रिट याचिका का मकसद बैंक की ओर से स्कूल की लीजहोल्ड भूमि को गिरवी रखने में गंभीर त्रुटि को सामने लाना भी है।जनहित याचिका के अनुसार, स्कूल की जमीन सार्वजनिक भूमि है और यहां तक कि सरफेसी अधिनियम, 2002 के तहत सुरक्षित भी है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) दिल्ली सरकार के उपयोगकर्ता विभाग की सहमति के बिना किसी को भूखंड आवंटित नहीं कर सकता और लीज को बदल नहीं सकता। लीज डीड में एनओसी के प्रावधान को जोड़े बिना और वैधानिक प्रावधानों के विपरीत एनओसी जारी किए बिना भूमि का उपयोग गैरकानूनी है। याचिका के मुताबिक, ऋण चुकाने में विफलता के मामले में भले ही बैंक संपत्ति बेच दे और शेष राशि डीडीए को प्राप्त हो, लेकिन भूमि उपयोग को सीधे नहीं बदला जा सकता। स्कूल के भूखंड को अगर वाणिज्यिक मॉल, होटल या मल्टीप्लेक्स के लिए भूखंड में बदल दिया जाएगा, तो शहर के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे के शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित हो जाएंगे।
--आईएएनएस
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