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भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भाई निहाल मोदी गिरफ्तार, भारत को सौंपा जाएगा प्रत्यर्पण

13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में एक और बड़ा नाम गिरफ्त में आ गया है। नीरव मोदी के छोटे भाई निहाल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है...........
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13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में एक और बड़ा नाम गिरफ्त में आ गया है। नीरव मोदी के छोटे भाई निहाल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी गिरफ्तारी के पीछे भारत की प्रवर्तन एजेंसियों प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई की भूमिका अहम रही है, जिन्होंने लंबे समय से प्रत्यर्पण की मांग कर रखी थी।

अमेरिकी न्याय विभाग ने गिरफ्तारी की पुष्टि की

अमेरिकी न्याय विभाग ने निहाल मोदी की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है। उस पर न्यूयॉर्क में भी कई धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं, जिनमें सबसे गंभीर आरोप 2.6 मिलियन डॉलर (करीब 21.6 करोड़ रुपये) से अधिक की आर्थिक धोखाधड़ी का है। उसे 17 जुलाई 2025 को अदालत में पेश किया जाएगा, जहां वह जमानत की मांग कर सकता है। हालांकि अमेरिकी अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि वे कोर्ट में निहाल की जमानत का विरोध करेंगे।

नीरव मोदी और पीएनबी घोटाले की गहरी साजिश

भारत में नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और निहाल मोदी पर 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले की साजिश रचने का आरोप है। यह घोटाला भारत के बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा बैंक घोटाला है। इस साजिश में फर्जी लेनदेन, लोन का गलत उपयोग और दस्तावेजों की हेराफेरी शामिल थी। नीरव मोदी फिलहाल लंदन की जेल में बंद है और उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।

निहाल मोदी की भूमिका

निहाल मोदी इस पूरे घोटाले में ‘मनी लॉन्डरिंग’ और संपत्ति की सफेदी में मुख्य भूमिका निभा रहा था। जांच एजेंसियों के मुताबिक, उसने फर्जी कंपनियों और विदेशों में शेल अकाउंट्स के जरिए घोटाले से कमाई गई ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलने का काम किया।

प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि निहाल ने पीएनबी घोटाले के बाद नीरव के करीबी मिहिर आर. भंसाली के साथ मिलकर दुबई से 50 किलो सोना और भारी मात्रा में नकदी निकलवा ली थी। ये सोना और नकदी नीरव मोदी के नेटवर्क को छिपाने और बचाने के लिए इस्तेमाल किए गए। इसके अलावा निहाल पर सबूत मिटाने और जांच को भटकाने का भी आरोप है। ईडी के अनुसार, उसने जानबूझकर नीरव मोदी के अवैध कारोबार में सहयोग किया, और जांच से जुड़े कई अहम दस्तावेजों को नष्ट भी करवाया।

भारत को प्रत्यर्पण की उम्मीद

अब जबकि निहाल मोदी अमेरिकी एजेंसियों की गिरफ्त में है, भारत सरकार को उसके प्रत्यर्पण की मजबूत उम्मीद है। इससे पहले नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामलों में भी भारत ने प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई थी। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर कोर्ट में अमेरिका ने जमानत का विरोध किया और सबूतों को मजबूत पाया गया, तो 2025 के अंत तक निहाल मोदी को भारत लाया जा सकता है।

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