तेजी से बढ़ रहे कोरोना के नए वेरिएंट के मरीज, यहां जानें इसके लक्षण और गंभीरता के बारे में सबकुछ
गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, "इन देशों में अस्पताल में भर्ती होने की दर में हालिया वृद्धि को इस वैरिएंट के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है; हालांकि, कोई बड़ी लहर नहीं बनी है। मृत्यु दर में भी कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं है।" अमेरिका की संक्रामक रोग सोसायटी के अनुसार, ``फ़्लर्ट'' (FLIRT) नाम उनके उत्परिवर्तन के तकनीकी नाम पर आधारित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस पर नजर रख रहा है और कड़ी निगरानी की सलाह दी है।
सर गंगा राम अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ धीरेन गुप्ता के मुताबिक, कोरोना के नए स्ट्रेन सामने आते रहेंगे। उन्होंने कहा, "अच्छी बात यह है कि ओमीक्रॉन वंशावली में से कोई भी फेफड़ों को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचाने में सक्षम नहीं है जैसा कि डेल्टा स्ट्रेन ने किया था। यह ऊपरी श्वसन पथ तक ही सीमित रहता है। लेकिन वायरस में इस परिवर्तन के लिए निगरानी और सतर्कता बनाए रखी जानी चाहिए।" " विशेषज्ञों के अनुसार, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का बढ़ता उपयोग इस उत्परिवर्तन को प्रेरित कर सकता है।
विशेषज्ञों ने कहा कि नए वैरिएंट के लक्षण अन्य ओमीक्रॉन सबवेरिएंट के समान हैं, जिनमें गले में खराश, खांसी, थकान, नाक बंद होना, नाक बहना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बुखार और स्वाद और गंध का संभावित नुकसान शामिल है।