चांदनी चौक में लापरवाही का जश्न बना आफत, व्यापारी अरुण का लाखों का सामान जलकर खाक
राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक चांदनी चौक इलाके में कुछ लोगों की लापरवाही से मनाई गई खुशियां एक व्यापारी के लिए भारी नुकसान का कारण बन गईं। कुचा रहमान में कपड़ों का कारोबार करने वाले अरुण का लाखों रुपये का माल आग की भेंट चढ़ गया। यह हादसा उस वक्त हुआ, जब अरुण शुक्रवार शाम को अपना शोरूम बंद कर घर जा चुके थे।
जानकारी के मुताबिक, अरुण चांदनी चौक के कुचा रहमान इलाके में स्थित अपने कपड़ों के शोरूम ‘इंडियन वेल्वेट एजेंसीज’ को रोज की तरह बंद कर घर लौटे थे। कुछ ही देर बाद उन्हें सूचना मिली कि शोरूम की चौथी मंजिल पर बने कपड़ों के गोदाम में अचानक आग लग गई है। खबर मिलते ही वे मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इलाके में कुछ लोग लापरवाही से जश्न मना रहे थे, इसी दौरान निकली चिंगारी या आग ने आसपास के सामान को अपनी चपेट में ले लिया। संकरी गलियों और पुराने बाजार क्षेत्र होने के कारण आग तेजी से फैल गई। गोदाम में बड़ी मात्रा में कपड़ा होने की वजह से आग ने भयावह रूप ले लिया और देखते ही देखते लाखों रुपये का माल जलकर राख हो गया।
स्थानीय लोगों ने तुरंत दमकल विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि तब तक गोदाम में रखा लगभग सारा सामान जल चुका था। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन आर्थिक नुकसान काफी बड़ा बताया जा रहा है।
व्यापारी अरुण ने बताया कि गोदाम में त्योहारों के लिए रखा गया नया स्टॉक मौजूद था। उन्होंने कहा कि आग लगने की घटना ने उन्हें पूरी तरह तोड़ कर रख दिया है। उनका कहना है कि अगर जश्न मनाने में थोड़ी भी सावधानी बरती जाती, तो इस तरह की घटना से बचा जा सकता था।
पुलिस और दमकल विभाग मामले की जांच में जुटे हैं। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी माना जा रहा है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाल रही है, ताकि आग लगने की असली वजह का पता लगाया जा सके।
इस घटना के बाद स्थानीय व्यापारियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि चांदनी चौक जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में जश्न और आतिशबाजी को लेकर सख्त नियम होने चाहिए। थोड़ी सी लापरवाही कई परिवारों की रोजी-रोटी छीन सकती है।
चांदनी चौक की यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि खुशियों के नाम पर की जाने वाली लापरवाही कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। प्रशासन और आम लोगों, दोनों को मिलकर ऐसी घटनाओं से सबक लेने की जरूरत है, ताकि भविष्य में किसी और व्यापारी को इस तरह का नुकसान न उठाना पड़े।

