Samachar Nama
×

लगभग आधी आबादी मानती है Modi ने स्ट्रीट पावर के सामने घुटने टेके

लगभग आधी आबादी मानती है Modi ने स्ट्रीट पावर के सामने घुटने टेके
दिल्ली न्यूज़ डेस्क !!! इस धारणा के विपरीत कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मजबूत व्यक्ति हैं, अधिकांश भारतीय सोचते हैं कि उनकी सरकार स्ट्रीट पावर के आगे झुक गई है। केंद्र में मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के अवसर पर सीवोटर द्वारा कराए गए एक विशेष अखिल भारतीय सर्वेक्षण के दौरान यह बात सामने आई। नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उनके नेतृत्व में भाजपा को 282 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिला था। तब से सरकार ने ऐसे कई निर्णय लिए हैं जो विवादास्पद रहे हैं, जिनकी विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है। सीवोटर सर्वेक्षण में पूछा गया: क्या आपको लगता है कि मोदी शासन ने कृषि कानूनों जैसे मुद्दों पर समय रहते सुधार किया है, या वह स्ट्रीट पावर के आगे झुक गया है?

सर्वेक्षण में लगभग 47 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि मोदी शासन स्ट्रीट पावर के आगे झुक गया है, जबकि उनमें से लगभग 42 प्रतिशत की राय थी कि उनकी सरकार ने समय रहते सुधार किया है। गौरतलब है कि राजग के एक-तिहाई समर्थकों का मानना है कि मोदी सरकार स्ट्रीट पावर के सामने घुटने टेक चुकी है। मोदी सरकार 2020 में एक अध्यादेश के बाद संसद में तीन ऐतिहासिक कृषि कानूनों को पारित कराने में कामयाब रही, जब भारत कोविड महामारी की चपेट में था। देश भर में किसानों के समर्थन का दावा करने वाले विभिन्न हित समूहों ने कानूनों के खिलाफ मुखर रूप से विरोध किया था और लगभग एक साल तक राजधानी दिल्ली की घेराबंदी की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने नवंबर 2021 में राष्ट्र को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस ले रही है। इस कदम ने कई मोदी समर्थकों को निराश किया था जो आश्वस्त थे कि तीनों कानून वास्तव में सुधारवादी थे, और इससे आम किसानों को मदद मिलती। इसी तरह, दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के पारित होने के कारण व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसकी परिणति फरवरी 2020 में दिल्ली में हिंसक सांप्रदायिक दंगों में हुई थी जिसमें 50 से अधिक लोग मारे गए थे।

--आईएएनएस

एकेजे

Share this story

Tags