
यह आरोप लगाया गया था कि कुमार अन्य लोगों के साथ संबंधित संस्थाओं के माध्यम से धन की राउंड ट्रिपिंग द्वारा ऋण खातों से धन के डायवर्जन में शामिल थे और विभिन्न संस्थाओं से संदिग्ध बिक्री या खरीद के माध्यम से धन की हेराफेरी की गई थी। ईडी के आरोपों के अनुसार, मैसर्स शक्ति भोग स्नैक्स लिमिटेड, के सीएमडी कृष्ण कुमार, रमन भुरारिया (चार्टर्ड अकाउंट) और देवकी नंदन गर्ग (दोनों को पहले ही जमानत मिल चुकी थी) के साथ मिलकर पेपर बिक्री या खरीद लेनदेन में शामिल थे और कोई वास्तविक संचालन नहीं करते थे। उच्च न्यायालय ने 8 फरवरी को चार्टर्ड एकाउंटेंट भूरारिया को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि पर देश छोड़कर नहीं जाने और जांच में शामिल होने जैसी कुछ शर्तों के अधीन जमानत दी थी। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा था कि प्रथम²ष्टया उनकी रिहाई का मामला बनता है। उन्होंने कहा था कि मुकदमे से पहले कैद जारी रखना, व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करने के साथ-साथ न्याय का उपहास करने जैसा होगा। ईडी ने आरोपी को मामले का किंगपिन बताते हुए जमानत याचिका का विरोध किया था।
--आईएएनएस
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