मोदी-ट्रंप के फोन कॉल पर जयराम रमेश की गलतबयानी, भाजपा हमलावर, कांग्रेसी नेता ने गलती मानी

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत की रणनीति पर अब राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हालिया टेलीफोनिक बातचीत के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। वहीं, भाजपा ने भी कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया है।
पीएम मोदी ने ट्रंप से की बातचीत, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की दी जानकारी
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से फोन पर बात करते हुए भारत द्वारा चलाए जा रहे "ऑपरेशन सिंदूर" की विस्तृत जानकारी साझा की। साथ ही, उन्होंने यह स्पष्ट रूप से कहा कि भारत किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा, यानी अमेरिका की ओर से संघर्ष विराम की पहल को खारिज कर दिया गया है।
कांग्रेस का हमला: 'हाउडी मोदी बन गया ट्रिपल शॉक'
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस बातचीत और घटनाक्रम पर निशाना साधते हुए ट्रिपल शॉक शब्द का इस्तेमाल किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा: "22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमलों का सीधा संबंध पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के उकसाऊ बयानों से है और अब वही मुनीर व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ लंच कर रहे हैं। क्या यही वजह है कि ट्रंप G-7 शिखर सम्मेलन को बीच में छोड़कर वापस लौट आए?" जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का श्रेय खुद को दे रहे हैं, और अब तक 14 बार दोहरा चुके हैं कि भारत-पाक शांति में उनका योगदान सबसे निर्णायक रहा।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड प्रमुख की टिप्पणी पर भी सवाल
कांग्रेस नेता ने अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला के बयान को लेकर भी चिंता जताई, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ "बेहतरीन साझेदार" बताया था। रमेश ने तंज कसते हुए कहा: "नमस्ते ट्रंप से लेकर हाउडी मोदी तक, भारत को एक के बाद एक कूटनीतिक झटके मिल रहे हैं, और प्रधानमंत्री पूर्णतः मौन हैं।" उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कल उस बयान की पांचवीं वर्षगांठ है जिसमें पीएम मोदी ने "चीन को क्लीन चिट" दी थी।
भाजपा का पलटवार: "फर्जी रीडआउट फैलाने की कोशिश"
कांग्रेस के हमले पर भाजपा ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने जयराम रमेश पर पलटवार करते हुए उन्हें "फर्जीबाज़ी के लिए बदनाम" बताया। मालवीय ने अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता क्रिस्टोफर एलम्स का एक बयान साझा करते हुए कहा कि: “1:40 बजे तक कोई आधिकारिक रीडआउट जारी नहीं हुआ था। तो फिर कांग्रेस को यह फर्जी रीडआउट कहां से मिला? क्या यह उनकी खुद की बनाई हुई स्क्रिप्ट है?”
उन्होंने इसे कूटनीतिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया और कहा कि यह पूरी तरह से भ्रम फैलाने का प्रयास है।
विश्लेषण: क्यों अहम है यह विवाद?
इस पूरे घटनाक्रम में तीन अहम बिंदु सामने आते हैं:
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भारत की कूटनीतिक स्थिति – भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता को अस्वीकार कर साफ कर दिया है कि वह पाकिस्तान से सीधे निपटेगा, किसी तीसरे देश की दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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असीम मुनीर की व्हाइट हाउस यात्रा – इस मुलाकात से संकेत मिलता है कि अमेरिका पाकिस्तान की सेना के साथ संवाद बनाए रखना चाहता है, भले ही वह भारत को असहज कर दे।
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आंतरिक राजनीति – ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका-पाक संबंधों की आड़ में अब देश की राजनीति में भी गर्मी बढ़ गई है। कांग्रेस इसे मोदी सरकार की विफलता बता रही है, जबकि भाजपा इसे 'राजनीतिक झूठ' करार दे रही है।