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राजधानी दिल्ली में करोड़ों के इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश! स्विगी की तरह दिखने वाला ऐप से चल रहा ड्रग्स का कारोबार 

राजधानी दिल्ली में करोड़ों के इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश! स्विगी की तरह दिखने वाला ऐप से चल रहा ड्रग्स का कारोबार 

राजधानी दिल्ली में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए बड़े ड्रग रैकेट की जाँच के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 5 नाइजीरियाई युवकों को गिरफ्तार कर 100 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद की है। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस के सामने अंतरराष्ट्रीय ड्रग गिरोह के कई राज उगले हैं।

पुलिस के मुताबिक, यह पूरा गिरोह हाईटेक तरीके से ड्रग्स की होम डिलीवरी करता था, ठीक वैसे ही जैसे आप खाने या किराना के लिए स्विगी-ज़ोमैटो जैसे फ़ूड डिलीवरी ऐप का इस्तेमाल करते हैं। पुलिस जाँच में पता चला है कि इस गिरोह ने 'ड्रग डिलीवरी सिस्टम' बिल्कुल फ़ूड डिलीवरी ऐप की तरह डिज़ाइन किया था। स्विगी-ज़ोमैटो की तरह, डिलीवरी बॉय की लोकेशन ट्रैक की जाती थी।

ड्रग ऐप में ग्राहक की रियल-टाइम लोकेशन शेयर की जाती थी। इतना ही नहीं, इस रैकेट ने ड्रग डिलीवरी बॉयज़ के लिए एक यूनिफ़ॉर्म भी तय कर रखी थी, ताकि ग्राहक पहचान सके कि सामने खड़ा व्यक्ति ही ड्रग्स देने आया है। पुलिस की गिरफ़्त में आए नाइजीरियाई युवक कई सालों से दिल्ली में रह रहे थे। ये विदेश से ड्रग्स मंगवाकर स्थानीय स्तर पर पहुँचाते थे।

अंतरराष्ट्रीय ड्रग गिरोह का पर्दाफ़ाश

ड्रग्स की माँग सीधे व्हाट्सएप और वीओआईपी कॉल के ज़रिए की जाती थी। ऑर्डर नाइजीरिया स्थित एक कॉल सेंटर में दर्ज किया जाता था। इसके बाद, दिल्ली-एनसीआर में मौजूद डिस्ट्रीब्यूटर्स को लोकेशन दी जाती थी। इस रैकेट की जड़ें सिर्फ़ दिल्ली तक ही सीमित नहीं थीं। पुलिस जाँच में पता चला कि इसका नेटवर्क मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, जापान और यूके तक फैला हुआ है।

दिल्ली-एनसीआर में फैला ड्रग गिरोह

इस गिरोह के सदस्य ऐसे मैसेंजर ऐप्स का इस्तेमाल करते थे जो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होते थे, ताकि कोई भी उनकी बातचीत को ट्रैक न कर सके। इतना ही नहीं, अगर कोई डिलीवरी बॉय पुलिस के हत्थे चढ़ भी जाता था, तो तुरंत किसी दूसरे व्यक्ति को भेजकर सप्लाई पूरी कर ली जाती थी। यह गिरोह दिल्ली के पॉश इलाकों जैसे साकेत, वसंत कुंज, छतरपुर, वसंत विहार, मालवीय नगर, मोती नगर और पंजाबी बाग में सक्रिय था।

ये भारतीय महिलाओं के ज़रिए ड्रग्स की तस्करी करवाते थे

इसके अलावा, ड्रग्स की सप्लाई नोएडा और गुरुग्राम में भी की जाती थी। इस मामले में सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ कि यह नाइजीरियाई ड्रग कार्टेल भारत में ड्रग्स पहुँचाने के लिए भारतीय महिलाओं का इस्तेमाल करता था। ये महिलाएँ विदेशों से ड्रग्स को अपने बैग और सूटकेस में छिपाकर दिल्ली लाती थीं। इसके बाद, वे स्थानीय गुर्गों को ड्रग्स सौंप देती थीं। नाइजीरियाई लोग ड्रग्स में मिलावट करके उन्हें ग्राहकों तक पहुँचाते थे।

कोलंबियाई ड्रग्स, 100 करोड़ रुपये की ज़ब्ती

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा की गई छापेमारी में बरामद ड्रग्स में सबसे ज़्यादा मात्रा कोलंबिया से लाई गई ड्रग्स की थी। पुलिस ने कई तरह की ड्रग्स, डिजिटल उपकरण और नेटवर्किंग टूल्स भी ज़ब्त किए हैं। इस बरामदगी से साफ़ हो गया है कि दिल्ली-एनसीआर में नाइजीरियाई कार्टेल का नेटवर्क बेहद गहरा और खतरनाक है। देश में अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क की मौजूदगी का पर्दाफ़ाश हुआ है।

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