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पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल 'निस्तार' जल्द नौसेना में होगा तैनात, दुश्मनों के लिए साबित होगा समुद्र के नीचे चलता 'नश्तर'

पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल 'निस्तार' जल्द नौसेना में होगा तैनात, दुश्मनों के लिए साबित होगा समुद्र के नीचे चलता 'नश्तर'

भारतीय नौसेना शुक्रवार, 18 जुलाई, 2025 को विशाखापत्तनम स्थित नौसेना डॉकयार्ड में अपने पहले स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (डीएसवी) 'निस्तार' को अपने बेड़े में शामिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह जहाज गहरे समुद्र में गोता लगाने में सक्षम है। यह पनडुब्बियों से जुड़े बचाव कार्यों में बड़ा योगदान देगा। 'निस्तार' एक डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (डीएसआरवी) के रूप में 'मदर शिप' की भूमिका भी निभाएगा। यह समुद्र के नीचे पनडुब्बी में किसी भी आपात स्थिति में फंसे लोगों को बचाने और निकालने में मदद करेगा, इस तरह यह दुश्मनों की आँखों में काँटे की तरह चुभता रहेगा।

पनडुब्बियों के रक्षक के रूप में तैनात किया जाएगा निस्तार

नौसेना प्रवक्ता के अनुसार, 'अत्याधुनिक डीप सी डाइविंग सिस्टम से लैस, निस्तार हमारी परिचालन क्षमता को मज़बूत करता है और संकटग्रस्त पनडुब्बियों से कर्मियों को बचाने के लिए तैयार है।' इसका मतलब है कि निस्तार आधुनिक उपकरणों से लैस है और संकटग्रस्त पनडुब्बियों में फंसे लोगों को बचाने में मदद करेगा। 'निस्तार' को हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। यह पूर्वी नौसेना कमान में शामिल होगा। इससे पहले भी आईएनएस निस्तार एक पनडुब्बी बचाव पोत था। इसे 1969 में तत्कालीन सोवियत रूस (USSR) से भारतीय नौसेना के लिए खरीदा गया था और 1971 में इसका कमीशन किया गया था।

1000 मीटर की गहराई तक निगरानी और बचाव में सक्षम

नौसेना प्रवक्ता ने बताया कि उनके पास रिमोट से संचालित वाहन (ROV) हैं। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, इन ROV की मदद से वे 1000 मीटर की गहराई तक निगरानी कर सकते हैं। ये पानी में डूबी वस्तुओं को भी निकाल सकते हैं। प्रवक्ता ने कहा, 'यह 1000 मीटर की गहराई तक गोताखोर निगरानी और बचाव कार्यों में सक्षम है।' इस गोताखोरी सहायता पोत को भारतीय नौवहन रजिस्टर (IRS) के नियमों के अनुसार डिज़ाइन किया गया है।

निस्तार का वज़न 10,000 टन, संस्कृत से लिया गया नाम
'निस्तार' नाम संस्कृत से लिया गया है। इसका अर्थ है मुक्ति, बचाव या मोक्ष। प्रवक्ता के अनुसार, यह जहाज 118 मीटर लंबा और लगभग 10,000 टन वज़नी है। इसमें आधुनिक गोताखोरी उपकरण लगे हैं। यह 300 मीटर की गहराई तक गहरे समुद्र में संतृप्ति डाइविंग करने में सक्षम है। निस्तार में 75 मीटर की गहराई तक गोता लगाने के लिए एक साइड डाइविंग स्टेज भी है। लगभग 120 मीटर लंबाई और 10,000 टन से अधिक विस्थापन के साथ, यह डीएसवी डायनेमिक पोजिशनिंग सिस्टम का उपयोग करके अपनी स्थिति बनाए रखने में सक्षम है। हाल के दिनों में, हिंद महासागर में चीनी जासूसी पनडुब्बियों की मौजूदगी की खबरें आई हैं। ऐसे में, निस्तार का इस्तेमाल दुश्मन की पनडुब्बियों पर नज़र रखने के लिए भी किया जा सकता है।

निस्तार 60 दिनों तक लगातार समुद्र में रहने में सक्षम है
जहाज पर स्थित विशाल डाइविंग कॉम्प्लेक्स में वायु और संतृप्ति डाइविंग, दोनों प्रणालियाँ हैं। इसके साथ ही, अंडरवाटर रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (आरओवी) और साइड स्कैन सोनार इसकी परिचालन क्षमता को और बढ़ाते हैं। यह 60 दिनों से ज़्यादा समय तक समुद्र में रह सकता है। इसमें हेलीकॉप्टर से भी ऑपरेशन करने की क्षमता है। इसमें 15 टन का सब-सी क्रेन भी लगा है। ये सभी चीज़ें मिलकर इस जहाज को बेहद उपयोगी बनाती हैं।

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