भारतीय वायुसेना को मिलेगी ‘प्रचंड’ ताकत: 156 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स की खरीद को मंजूरी
भारतीय वायुसेना की ताकत जल्द ही बढ़ने वाली है। बता दें कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार 28 मार्च 2025 को 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) 'प्रचंड' की खरीद को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट सुरक्षा समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 62,700 करोड़ रुपये के 2 बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
बता दें कि 156 विशाल हेलीकॉप्टरों में से कुल 66 हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना को दिए जाएँगे। वहीं, 90 हेलीकॉप्टर थलसेना को दिए जाएँगे। इन हेलीकॉप्टरों को पाकिस्तान-चीन सीमा पर तैनात किया जाएगा। हेलीकॉप्टरों का निर्माण बेंगलुरु और तुमकुर स्थित उनके संयंत्रों में किया जाएगा। हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति अनुबंध के तीसरे वर्ष से शुरू होगी, जो अगले 5 वर्षों तक जारी रहेगी।
प्रचंड हेलीकॉप्टर भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित और डिज़ाइन किया गया हेलीकॉप्टर है। यह 5,000 मीटर से अधिक की ऊँचाई पर युद्ध करने में सक्षम है। मिसाइलों से लैस यह हेलीकॉप्टर ज़मीन से हवा में वार कर सकता है। लद्दाख, सियाचिन और अरुणाचल प्रदेश के ऊँचे पर्वतीय क्षेत्रों में भारी हमलावर हेलीकॉप्टर दुश्मनों के लिए हथियार बन सकते हैं। इसकी अधिकतम गति 463 किमी प्रति घंटा है। यह 20 मिलीमीटर की नोज़ गन और 7 मिलीमीटर के रॉकेट पॉड से लैस है। लेज़र वार्निंग सिस्टम, मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम और रडार वार्निंग रिसीवर इस हेलीकॉप्टर की ताकत में चार चाँद लगाते हैं।
रोज़गार के अवसर मिलेंगे
इस विशाल हेलीकॉप्टर को बनाने में 65 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग करने की योजना है, जिसमें 250 से अधिक घरेलू कंपनियाँ शामिल होंगी। इनमें से अधिकांश लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) होंगे। इस अनुबंध के बाद 8,500 से अधिक रोज़गार के अवसर पैदा होंगे, जिससे भारत के रक्षा उद्योग और रोज़गार को काफ़ी फ़ायदा होगा।

