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ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर का तीखा हमला : “शक है तो यूट्यूब पर देखें किसका अंतिम संस्कार हो रहा है”

राज्यसभा में मंगलवार को जब विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सवाल उठाए और सरकार पर आरोप लगाए, तो विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बेहद सख्त लहजे में पलटवार किया। उन्होंने कहा कि "जिसे भी ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर शक है, वो यूट्यूब पर जाएं और देखें कि किसका अंतिम संस्कार हो रहा है.........
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राज्यसभा में मंगलवार को जब विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सवाल उठाए और सरकार पर आरोप लगाए, तो विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बेहद सख्त लहजे में पलटवार किया। उन्होंने कहा कि "जिसे भी ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर शक है, वो यूट्यूब पर जाएं और देखें कि किसका अंतिम संस्कार हो रहा है। जयशंकर ने यह साफ कर दिया कि भारत अब आतंकवाद पर सिर्फ बयानबाजी नहीं करता, बल्कि एक्शन लेकर दुनिया को दिखा रहा है कि अगर कोई हमारे निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाएगा, तो उसे करारा जवाब मिलेगा। उन्होंने कहा कि “आतंकवाद पर भारत के जवाब को पूरी दुनिया ने देखा है। पहलगाम हमला पूरी तरह अस्वीकार्य था। इस हमले में लक्ष्मण रेखा लांघी गई थी। दोषियों को जवाबदेह ठहराना और पीड़ितों को न्याय दिलाना ज़रूरी था।”

आतंकवाद अब ‘ग्लोबल एजेंडा’ बन चुका है

विदेश मंत्री ने कहा कि आज भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को वैश्विक एजेंडा में बदल दिया है। “हमने पाकिस्तान के खिलाफ कई ठोस कदम उठाए। हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब किया गया। पाकिस्तान की दोहरी नीतियों को लेकर भारत ने जिस स्पष्टता से आवाज़ उठाई है, उसकी सराहना पूरी दुनिया कर रही है। जयशंकर ने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने मसूद अजहर और अब्दुल रहमान मक्की जैसे खूंखार आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वैश्विक आतंकी घोषित करवाया। यह भारत की कूटनीतिक सफलता का प्रमाण है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले की सरकारें इन मामलों पर चुप्पी साध लेती थीं, लेकिन अब भारत चुप नहीं बैठता।

पहले की सरकारें आतंकवाद को ‘नॉर्मल’ मानती थीं

जयशंकर ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि “पहले की सरकारों का एजेंडा ही अलग होता था। वे पाकिस्तान से कहती थीं कि हम दोनों ही आतंकवाद से पीड़ित हैं। लेकिन सच यह है कि पाकिस्तान आतंक का जनक है, पीड़ित नहीं। उन्होंने मुंबई 2008 हमले और मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि इन घटनाओं के बाद भी तत्कालीन सरकारों ने पाकिस्तान से सीधे बातचीत शुरू कर दी थी। “ऐसी सोच ने आतंकवाद को सामान्य बना दिया और दुनिया ने भारत को गंभीरता से लेना छोड़ दिया था।”

पीएम मोदी के नेतृत्व में बदली नीति और दृष्टिकोण

एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि पिछले एक दशक में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति में मूलभूत बदलाव किए हैं। “आज भारत की छवि एक निर्णायक देश की है। आतंक के खिलाफ हम सिर्फ शोक नहीं जताते, कार्यवाही करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर इसका उदाहरण है। उन्होंने बताया कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर को संयुक्त रूप से भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अंजाम दिया और उस आतंकी मॉड्यूल को खत्म किया, जिसने 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों को धर्म पूछ-पूछकर मौत के घाट उतारा था।

आतंक का जवाब अब चुप्पी नहीं, कार्रवाई है

जयशंकर ने कहा कि भारत अब “दोषियों को न्याय दिलाने” की नीति पर चलता है। उन्होंने कहा, “हम किसी भी आतंकी हमले को सहन नहीं करते। अब भारत की नीति स्पष्ट है—हमारी सीमा लांघने वालों को सीमा पार जवाब मिलेगा। और वह जवाब ऐसा होगा, जिसे पूरी दुनिया देखेगी और मानेगी।”

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