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हर्षवर्धन के फर्जी दूतावास स्कैंडल में हर रोज नए राज, अब सामने आई ऐसी बात जिसने जांच एजेंसियों को भी चौंका दिया

हर्षवर्धन के फर्जी दूतावास स्कैंडल में हर रोज नए राज, अब सामने आई ऐसी बात जिसने जांच एजेंसियों को भी चौंका दिया​​​​​​​

अवैध दूतावास और हवाला कारोबार चलाने के आरोपी हर्षवर्धन जैन से बरामद दस्तावेजों और डायरी की जांच में पता चला है कि उसने दिल्ली-एनसीआर और दक्षिण भारतीय राज्यों के 22 लोगों से लाखों रुपये लेकर उन्हें स्वयंभू देश का महावाणिज्य दूत बना दिया। एसटीएफ को इन लोगों के साथ हर्षवर्धन जैन के लेन-देन के सबूत भी मिले हैं। आरोपी के आवास और जहांगीरपुरी स्थित उसके ससुराल वालों के किराए के कमरे से सीडी नंबर वाली तीन नई प्लेटें भी बरामद हुई हैं। आरोपी की रिमांड अवधि शनिवार शाम 4 बजे खत्म होगी।

विभिन्न दस्तावेजों और डायरियों की तलाशी के बाद एसटीएफ को 22 ऐसे लोग मिले, जिनसे आरोपी ने स्वयंभू देश (माइक्रोनेशन) सबोरगा, वेस्ट आर्कटिका, पॉलविया और लोडोनिया का महावाणिज्य दूत बनाकर 50 लाख रुपये से लेकर 1.25 करोड़ रुपये तक की रकम ली। इनमें से ज्यादातर लेन-देन नकद में किए गए। जबकि सदस्यता शुल्क के तौर पर स्वयंभू देश के संचालकों को करीब दो-तीन लाख रुपये ही ट्रांसफर किए गए। ये लोग वर्ष 2016 से महावाणिज्य दूत बनाए गए थे। जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, वे दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु के निवासी हैं।

सीडी नंबर वाली कुल 23 प्लेटें बरामद

एसटीएफ ने 23 जुलाई को कविनगर स्थित आरोपी के अवैध दूतावास पर छापा मारा तो वहाँ से महत्वपूर्ण दस्तावेज, 44.70 लाख रुपये, विदेशी मुद्रा और 20 राजनयिक नंबर प्लेटें भी बरामद हुईं। इन नंबर प्लेटों के बारे में पूछताछ के दौरान एसटीएफ को पता चला कि आरोपी ये नंबर प्लेटें ऐसे लोगों को देते थे जिनसे महावाणिज्य दूत बनाने के नाम पर पैसे लिए जाते थे। जाँच के दौरान सीडी नंबर वाली तीन और नंबर प्लेटें मिली हैं।

महावाणिज्य दूत पद के लिए फीस चुकाने के बाद भी तीन लोग अधर में हैं

एसटीएफ को तीन तैयार लिफाफे भी मिले हैं जिनमें तीन लोगों के महावाणिज्य दूत के नियुक्ति पत्र हैं। इन लोगों ने आरोपियों को पैसे दिए, लेकिन लिफाफे भेजे जाने से पहले ही एसटीएफ ने छापा मार दिया।

पांच दिन की रिमांड अवधि आज समाप्त होगी
आरोपी की पुलिस हिरासत शनिवार शाम 4 बजे समाप्त हो जाएगी। पुलिस आरोपी का मेडिकल परीक्षण करवाकर उसे शाम 4 बजे से पहले जेल भेज देगी। पुलिस का कहना है कि पांच दिन की पूछताछ के बाद आरोपी से बरामद दस्तावेजों की जांच की जाएगी। उसके आधार पर जल्द ही जांच पूरी कर ली जाएगी।

अवैध दूतावास और हवाला कारोबार चलाने के आरोपी हर्षवर्धन जैन से बरामद दस्तावेजों और डायरी की जांच में पता चला है कि उसने दिल्ली-एनसीआर और दक्षिण भारतीय राज्यों के 22 लोगों से लाखों रुपये लेकर उन्हें स्वयंभू देश का महावाणिज्य दूत बना दिया। एसटीएफ को इन लोगों के साथ हर्षवर्धन जैन के लेन-देन के सबूत भी मिले हैं। आरोपी के आवास और जहांगीरपुरी स्थित उसके ससुराल वालों के किराए के कमरे से सीडी नंबर वाली तीन नई प्लेटें भी बरामद हुई हैं। आरोपी की रिमांड अवधि शनिवार शाम 4 बजे खत्म होगी।

विभिन्न दस्तावेजों और डायरियों की तलाशी के बाद एसटीएफ को 22 ऐसे लोग मिले, जिनसे आरोपी ने स्वयंभू देश (माइक्रोनेशन) सबोरगा, वेस्ट आर्कटिका, पॉलविया और लोडोनिया का महावाणिज्य दूत बनाकर 50 लाख रुपये से लेकर 1.25 करोड़ रुपये तक की रकम ली। इनमें से ज्यादातर लेन-देन नकद में किए गए। जबकि सदस्यता शुल्क के तौर पर स्वयंभू देश के संचालकों को करीब दो-तीन लाख रुपये ही ट्रांसफर किए गए। ये लोग वर्ष 2016 से महावाणिज्य दूत बनाए गए थे। जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, वे दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु के निवासी हैं।

सीडी नंबर वाली कुल 23 प्लेटें बरामद

एसटीएफ ने 23 जुलाई को कविनगर स्थित आरोपी के अवैध दूतावास पर छापा मारा तो वहाँ से महत्वपूर्ण दस्तावेज, 44.70 लाख रुपये, विदेशी मुद्रा और 20 राजनयिक नंबर प्लेटें भी बरामद हुईं। इन नंबर प्लेटों के बारे में पूछताछ के दौरान एसटीएफ को पता चला कि आरोपी ये नंबर प्लेटें ऐसे लोगों को देते थे जिनसे महावाणिज्य दूत बनाने के नाम पर पैसे लिए जाते थे। जाँच के दौरान सीडी नंबर वाली तीन और नंबर प्लेटें मिली हैं।

महावाणिज्य दूत पद के लिए फीस चुकाने के बाद भी तीन लोग अधर में हैं

एसटीएफ को तीन तैयार लिफाफे भी मिले हैं जिनमें तीन लोगों के महावाणिज्य दूत के नियुक्ति पत्र हैं। इन लोगों ने आरोपियों को पैसे दिए, लेकिन लिफाफे भेजे जाने से पहले ही एसटीएफ ने छापा मार दिया।

पांच दिन की रिमांड अवधि आज समाप्त होगी
आरोपी की पुलिस हिरासत शनिवार शाम 4 बजे समाप्त हो जाएगी। पुलिस आरोपी का मेडिकल परीक्षण करवाकर उसे शाम 4 बजे से पहले जेल भेज देगी। पुलिस का कहना है कि पांच दिन की पूछताछ के बाद आरोपी से बरामद दस्तावेजों की जांच की जाएगी। उसके आधार पर जल्द ही जांच पूरी कर ली जाएगी।

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