इतिहास रचेंगी द्रौपदी मुर्मू! 28 दिसंबर को पनडुब्बी में करेंगी समुद्री यात्रा, जानें पूरा कार्यक्रम
राष्ट्रपति भवन ने शुक्रवार को घोषणा की कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 28 दिसंबर को कर्नाटक के कारवार बंदरगाह से एक पनडुब्बी में समुद्री यात्रा करेंगी। यह यात्रा भारतीय नौसेना की ताकत और टेक्नोलॉजी को सीधे देखने का मौका देगी।
चार दिवसीय दौरा: गोवा, कर्नाटक और झारखंड
राष्ट्रपति मुर्मू का चार दिवसीय दौरा शनिवार से शुरू होगा। वह 27 दिसंबर की शाम को गोवा के लिए रवाना होंगी।
28 दिसंबर (कर्नाटक): कारवार बंदरगाह से एक पनडुब्बी में समुद्री यात्रा। किसी राष्ट्रपति के लिए पनडुब्बी यात्रा करना एक दुर्लभ और महत्वपूर्ण घटना है। इससे नौसेना कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा। राष्ट्रपति पानी के अंदर की दुनिया का अनुभव करेंगी।
29 दिसंबर (झारखंड): वह जमशेदपुर में 'ओल चिकी' लिपि के शताब्दी समारोह में शामिल होंगी। ओल चिकी संथाली भाषा की लिपि है, जिसे पंडित रघुनाथ मुर्मू ने बनाया था।
उसी दिन बाद में: वह जमशेदपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) के 15वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगी।
30 दिसंबर (झारखंड): वह गुमला में अंतर-राज्य लोक सांस्कृतिक सम्मेलन और कार्तिक यात्रा कार्यक्रम को संबोधित करेंगी।
पनडुब्बी यात्रा खास क्यों है?
किसी भारतीय राष्ट्रपति का पनडुब्बी में यात्रा करना बहुत दुर्लभ है। यह भारतीय नौसेना की पनडुब्बी क्षमताओं और समुद्री सुरक्षा को दिखाता है। कारवार भारतीय नौसेना के एक बड़े बेस का घर है, जहाँ कई युद्धपोत और पनडुब्बियाँ तैनात हैं। राष्ट्रपति मुर्मू आदिवासी समुदाय से पहली राष्ट्रपति हैं। झारखंड यात्रा के दौरान ओल चिकी और आदिवासी संस्कृति से संबंधित कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति का विशेष महत्व है। यह दौरा राष्ट्रपति के रूप में उनकी सक्रिय भूमिका और देश के विभिन्न हिस्सों से उनके जुड़ाव को दर्शाता है। नौसेना से लेकर शिक्षा और संस्कृति तक हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी प्रेरणादायक है।

