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दिल्ली के कस्तूरबा नगर में दिल दहला देने वाली वारदात, 20 रुपये के विवाद में पत्नी की हत्या, पति ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान

दिल्ली के कस्तूरबा नगर में दिल दहला देने वाली वारदात, 20 रुपये के विवाद में पत्नी की हत्या, पति ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान

राजधानी दिल्ली के कस्तूरबा नगर इलाके से एक बेहद सनसनीखेज और दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां महज 20 रुपये के मामूली विवाद ने एक परिवार को पूरी तरह तबाह कर दिया। आरोप है कि एक पति ने गुस्से में आकर अपनी पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। घटना के बाद जब पुलिस को पति पर शक हुआ और जांच आगे बढ़ी, तो उसने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली।

जानकारी के अनुसार, पति-पत्नी के बीच किसी घरेलू जरूरत को लेकर 20 रुपये को लेकर कहासुनी हुई थी। विवाद इतना बढ़ गया कि गुस्से में पति ने अपनी पत्नी का गला दबा दिया। कुछ ही देर में महिला की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात के बाद आरोपी पति ने मामले को छुपाने की कोशिश की और सामान्य मौत का रूप देने का प्रयास किया।

पड़ोसियों को जब महिला के लंबे समय तक बाहर न आने पर शक हुआ तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में पुलिस को पति के बयान में विरोधाभास नजर आया, जिससे उस पर शक और गहरा गया।

पुलिस जब पति से सख्ती से पूछताछ करने की तैयारी कर रही थी, तभी वह अचानक घर से निकल गया। कुछ ही घंटों बाद सूचना मिली कि आरोपी पति ने रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

इस दोहरी मौत से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। पड़ोसियों का कहना है कि दंपती के बीच अक्सर छोटे-छोटे विवाद होते रहते थे, लेकिन किसी ने कभी नहीं सोचा था कि मामला इतना भयावह मोड़ ले लेगा। लोगों के अनुसार, दोनों सामान्य जीवन जी रहे थे और किसी बड़े झगड़े की जानकारी पहले सामने नहीं आई थी।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला घरेलू हिंसा और गुस्से पर नियंत्रण न रख पाने का एक खतरनाक उदाहरण है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और यह भी देखा जा रहा है कि घटना के समय कोई और व्यक्ति मौके पर मौजूद था या नहीं। दोनों शवों का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पूरी पुष्टि हो सकेगी।

इस घटना ने एक बार फिर समाज में घरेलू विवादों, मानसिक तनाव और छोटी बातों पर बढ़ती हिंसा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि समय रहते संवाद, काउंसलिंग और पारिवारिक सहयोग से ऐसे हादसों को रोका जा सकता है।

कस्तूरबा नगर की यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि समाज को भी यह सोचने पर मजबूर करती है कि छोटी-छोटी बातों को कैसे जानलेवा बना दिया जा रहा है। एक मामूली विवाद ने एक महिला की जान ली और उसके बाद एक और जीवन भी खत्म हो गया, जिससे पीछे सिर्फ मातम और सवाल रह गए हैं।

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