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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने INS विक्रांत पर नौसेना को दी ताकतवर चेतावनी, बताया ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 28 मई 2025 को INS विक्रांत पर भारतीय नौसेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी ताकत ने दुश्मन को कगार पर रोक दिया है। उन्होंने जवानों से अपील की कि वे अपनी तैयारियों में कोई कमी न छोड़ें....
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 28 मई 2025 को INS विक्रांत पर भारतीय नौसेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी ताकत ने दुश्मन को कगार पर रोक दिया है। उन्होंने जवानों से अपील की कि वे अपनी तैयारियों में कोई कमी न छोड़ें। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि अब तक जो हुआ वह केवल वार्म अप था, अगर पाकिस्तान फिर से कोई गलत कदम उठाता है, तो इस बार नौसेना भी पूरी ताकत से हरकत में आएगी और तब पाकिस्तान की हालत और खराब हो जाएगी। उन्होंने 1971 के युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा, “1971 का इतिहास गवाह है कि जब भारतीय नौसेना ने कार्रवाई की, तो पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अगर नौसेना पूरी ताकत से शामिल होती, तो पाकिस्तान न सिर्फ दो, बल्कि चार हिस्सों में बंट जाता।”

ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले का सटीक और कड़ा जवाब

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस कायराना हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। भारत ने इस हमले का जवाब देने के लिए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। यह ऑपरेशन भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना का संयुक्त अभियान था, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए।

ऑपरेशन सिंदूर 6-7 मई की रात 1:05 बजे से 1:30 बजे तक चला। इस दौरान भारत ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के नौ ठिकानों पर निशाना साधा। चार ठिकाने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में थे और पांच PoK में। इन ठिकानों का इस्तेमाल आतंकियों को हथियार, प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट देने के लिए किया जाता था। भारत ने इसे “सटीक, संयमित और गैर-उत्तेजक” जवाब बताया, जिसका मतलब था कि केवल आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया, न कि पाकिस्तानी सेना या नागरिक इलाकों को।

भारतीय नौसेना की दमदार भूमिका

ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय नौसेना ने INS विक्रांत के नेतृत्व में अरब सागर में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। एक शक्तिशाली टास्क फोर्स तैनात किया गया, जिसमें डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट, सबमरीन और विमान शामिल थे। इस टास्क फोर्स ने कराची के दक्षिण में स्थिति बना कर पाकिस्तानी नौसेना को अपने बंदरगाहों तक सीमित कर दिया। वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने बताया कि ऑपरेशन के शुरुआती 96 घंटों में कई हथियारों का परीक्षण किया गया। नौसेना ने सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तथा टॉरपीडो दागे। इन हमलों ने पाकिस्तानी नौसेना की युद्ध-तैयारी पर प्रभावी दबाव डाला।

ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल हथियार

  • SCALP (Storm Shadow) क्रूज मिसाइल: यह राफेल जेट द्वारा दागी गई लंबी दूरी की स्टील्थ मिसाइल है, जिसकी रेंज 250 किमी है। यह बंकरों और मजबूत ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम है।

  • HAMMER बम: फ्रांस निर्मित यह सटीक बम 70 किमी तक मार कर सकता है और हर मौसम में काम करता है।

  • ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल: भारत-रूस की सुपरसोनिक मिसाइल, 300-500 किमी तक मार करने वाली।

  • SkyStriker लॉइटरिंग म्यूनिशन (कामिकाज़ ड्रोन): भारत-इजराइल निर्मित ड्रोन जो लक्ष्य पर मंडराते हुए हमला करता है।

  • IAI Harop ड्रोन: 200 किमी रेंज वाला इजराइली लॉइटरिंग ड्रोन, जो हवाई रक्षा प्रणालियों को नष्ट करता है।

  • आकाश मिसाइल सिस्टम: DRDO द्वारा विकसित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को रोकने में सक्षम।

  • L/70 और शिल्का गन: उन्नत तोपें जो पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराने में इस्तेमाल हुईं।

ऑपरेशन के परिणाम

ऑपरेशन सिंदूर में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। इनमें जैश और लश्कर के कई मुख्य ठिकाने थे, जैसे बहावलपुर, मुरिदके, कोटली और मुजफ्फराबाद। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें लश्कर के अबू अकाशा और जैश के मोहम्मद यूसुफ अजहर जैसे बड़े आतंकी भी शामिल थे।

रक्षा मंत्री की अंतिम बात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा, “आपकी ताकत और तैयारी से दुश्मन हमेशा दहशत में रहेगा। हमने दिखा दिया है कि भारत अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ है और किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में देश की सुरक्षा के लिए जवानों की सतर्कता और तत्परता ही सबसे बड़ी ताकत होगी। यह ऑपरेशन भारत की सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता और आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदमों का प्रतीक है, जिसमें भारतीय नौसेना ने अपनी रणनीतिक और तकनीकी ताकत का बेहतरीन प्रदर्शन किया।

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