जनगणना अधिसूचना को लेकर कांग्रेस पार्टी ने PM Modi पर साधा निशाना, जयराम रमेश बोले- 'हमारी मांग के आगे PM को झुकना पड़ा…'

केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को 16वीं जनगणना का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। इसे लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बहुचर्चित 16वीं जनगणना का नोटिफिकेशन जारी हो गया है, लेकिन यह पहाड़ खोदकर चूहा निकालने जैसा है, क्योंकि इसमें 30 अप्रैल 2025 को पहले से घोषित बातों को ही दोहराया गया है।
हकीकत यह है कि कांग्रेस की लगातार मांग और दबाव के चलते प्रधानमंत्री को जाति जनगणना की मांग के आगे झुकना पड़ा। उन्होंने इस मांग के लिए कांग्रेस नेताओं को 'अर्बन नक्सल' तक कह दिया था। संसद हो या सुप्रीम कोर्ट- मोदी सरकार ने जाति जनगणना के विचार को पूरी तरह से खारिज कर दिया था और महज 47 दिन पहले सरकार ने खुद इसकी घोषणा की।
नोटिफिकेशन में जाति जनगणना का जिक्र नहीं- कांग्रेस
हालांकि, आज के गजट नोटिफिकेशन में जाति जनगणना का जिक्र नहीं है, तो क्या यह फिर से वही यू-टर्न है, जिसके लिए प्रधानमंत्री मोदी बदनाम हो चुके हैं? या फिर भविष्य में इसका ब्यौरा सामने आएगा? कांग्रेस का स्पष्ट मत है कि 16वीं जनगणना में तेलंगाना मॉडल अपनाया जाना चाहिए, यानी सिर्फ जातियों की गिनती ही नहीं बल्कि जातिवार सामाजिक और आर्थिक स्थिति से जुड़ी विस्तृत जानकारी भी जुटाई जानी चाहिए। तेलंगाना के जाति सर्वेक्षण में 56 सवाल पूछे गए थे। अब सवाल यह है कि 56 इंच का सीना रखने का दावा करने वाले गैर-जैविक व्यक्ति में क्या इतनी समझ और हिम्मत है कि वह 16वीं जनगणना में 56 सवाल पूछ सके?
दो चरणों में होगी जनगणना
सरकार ने सोमवार को वर्ष 2027 में जाति जनगणना के साथ-साथ भारत की 16वीं जनगणना कराने की अधिसूचना जारी की। पिछली ऐसी जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी। अधिसूचना में कहा गया है कि लद्दाख जैसे बर्फीले इलाकों में जनगणना 1 अक्टूबर 2026 से और देश के बाकी हिस्सों में 1 मार्च 2027 से कराई जाएगी।