दिल्ली में नशे का काला कारोबार बेनकाब! बरामद की करोड़ों की अल्प्राजोलम की गोलियां, ड्रग नेटवर्क से जुड़े दो लोग दबोचे गए
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजधानी में नशे के कारोबार पर बड़ा हमला बोला है। एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने एक संगठित ड्रग गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 9 किलोग्राम से ज़्यादा साइकोट्रोपिक ड्रग अल्प्राजोलम टैबलेट ज़ब्त की हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में क़ीमत 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा है। इस कार्रवाई में दो आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है, जो चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े रहे हैं।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना के दिल्ली को नशा मुक्त बनाने के निर्देशों के तहत एएनटीएफ लगातार ड्रग तस्करों पर शिकंजा कस रही है। इसी कड़ी में 28 जुलाई को टीम को एक बड़ी खेप की डिलीवरी की पुख्ता सूचना मिली, जिसके अनुसार, यह खेप दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन के पास पहुँचाई जानी थी। इसके बाद एक पुलिस टीम का गठन किया गया। इसने अप्सरा बॉर्डर-आनंद विहार आईएसबीटी फ्लाईओवर पर नाकाबंदी कर दी।
एसीपी राजकुमार की निगरानी और इंस्पेक्टर प्रवीण राठी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मौके पर एक संदिग्ध मोटरसाइकिल (UP14EZ3166) को रोका। तलाशी के दौरान उसके पास से भारी मात्रा में अल्प्राजोलम बरामद हुई। आरोपी की पहचान दिल्ली से सटे गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित गिरधर एन्क्लेव निवासी 23 वर्षीय निशांत पाल के रूप में हुई। निशांत अपने साथी अजय के साथ मिलकर इस ड्रग कार्टेल को संचालित कर रहा था।
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पुलिस जाँच में पता चला है कि यह ड्रग नेटवर्क बेहद सुनियोजित तरीके से काम कर रहा था। निशांत पहले एक मेडिकल स्टोर पर काम करता था। वहीं, उसका साथी अजय एक कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव रह चुका है। ड्रग्स के असर, उनके अवैध इस्तेमाल और सप्लाई चेन की गहरी समझ का फायदा उठाकर दोनों ने दिल्ली-एनसीआर में बिना डॉक्टर के पर्चे और बिल के गोलियां सप्लाई करने का अवैध धंधा खड़ा कर लिया था।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी हर ऑर्डर पर तय कीमत के अलावा अतिरिक्त पैसे भी वसूलते थे। इस कार्टेल की जड़ें दिल्ली-एनसीआर के अलावा उत्तर प्रदेश और हरियाणा तक फैली हो सकती हैं। फिलहाल, गिरफ्तार दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और नेटवर्क के बाकी सदस्यों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। एएनटीएफ का मानना है कि इस ऑपरेशन से राजधानी में नशीली दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला को बड़ा झटका लगा है।

