भाजपा को मिलेगा नया अध्यक्ष! मॉनसून सत्र से पहले हो सकता है ऐलान, इस महीने के अंत तक होगा मंडल अध्यक्षों का चुनाव

भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का करीब एक साल से चल रहा इंतजार 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले खत्म हो सकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए पार्टी की योजना जुलाई के पहले सप्ताह में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक समेत करीब एक दर्जन राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव कराने की है। इस संबंध में राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी डॉ. के लक्ष्मण ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा, किरन रिजिजू और सांसद रविशंकर प्रसाद को क्रमश: उत्तराखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से कम से कम 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव अनिवार्य है। पार्टी अब तक 14 राज्यों में ऐसा कर पाई है। दूसरी बड़ी समस्या राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए बनने वाले निर्वाचक मंडल की है। इस मंडल के सदस्य राष्ट्रीय और राज्य परिषदों में शामिल नेता होते हैं। इन परिषदों में यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों की हिस्सेदारी करीब 50 फीसदी होती है। ऐसे में प्रदेश संगठन के चुनाव के बाद इन परिषदों का कोटा भरे बिना चुनावी बोर्ड का गठन नहीं हो सकता।
यूपी पर लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के कारण केंद्रीय नेतृत्व के लिए उत्तर प्रदेश बड़ा सिरदर्द बना हुआ है। इस सूबे में बड़े बदलाव के लिए नए सिरे से मंथन शुरू हो गया है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व को चुनाव में बिखरे ओबीसी वोट बैंक को वापस लाने के साथ ही बसपा के कमजोर होने से अपने वोट बैंक को सपा-कांग्रेस की ओर आकर्षित करने का रास्ता भी तलाशना है। सूबे में नए प्रदेश अध्यक्ष के साथ व्यापक रोडमैप तैयार किया जाएगा। दलित या दक्षिण पर मंथन नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
हालांकि, पार्टी नेतृत्व राजनीतिक कारणों से दलित या दक्षिण को महत्व देना चाहता है। चूंकि विपक्ष लगातार भाजपा और मोदी सरकार के संदर्भ में आरक्षण और संविधान को खत्म करने की धारणा बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके अलावा भाजपा भविष्य की राजनीति के लिए विस्तार को महत्व देने के लिए दक्षिण भारत के राज्यों पर नजर गड़ाए हुए है। ऐसे में माना जा रहा है कि नया अध्यक्ष या तो दलित समुदाय से होगा या फिर दक्षिण भारत से जुड़ा होगा। संगठन को नया रूप देने की तैयारी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के बाद पार्टी का जोर संगठन को नया स्वरूप देने पर है। इसी क्रम में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की टीम में 60 से 70 फीसदी चेहरे बदले जाएंगे। इन बदलावों के जरिए पार्टी की योजना संगठन में युवाओं, महिलाओं और समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी की सबसे ताकतवर इकाई संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति भी बड़े बदलाव से अछूती नहीं रहेगी।