‘स्कूलों में AI भी होगा पढ़ाई का हिस्सा… बच्चों और शिक्षकों कोइ मिलेगा फायदा’, परामर्श समिति की बैठक में बोले केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को नई दिल्ली में शिक्षा और पढ़ाई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग को लेकर परामर्श समिति की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में बोलते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि AI शिक्षा की बड़ी चुनौतियों को दूर करने में मददगार हो सकता है.
इससे अच्छी शिक्षा को ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सकता है और पढ़ाई को सभी के लिए आसान और समान बनाया जा सकता है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार का फोकस पढ़ाई को छात्र-केंद्रित और व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार बनाने पर है, ताकि बच्चों और शिक्षकों दोनों को फायदा मिल सके. बैठक में शिक्षा और कौशल विकास से जुड़े केंद्रीय मंत्री, समिति के सदस्य, शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और दोनों विभागों स्कूल और उच्च शिक्षा के सचिव शामिल हुए.
स्कूल शिक्षा में AI का इस्तेमाल
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत स्कूलों में AI को धीरे-धीरे पढ़ाई का हिस्सा बनाया जा रहा है. छोटी उम्र से ही बच्चों को कम्प्यूटेशनल थिंकिंग और AI की समझ दी जा रही है. प्रोजेक्ट आधारित पढ़ाई को बढ़ावा दिया जा रहा है. माध्यमिक स्तर पर AI को एक स्किल सब्जेक्ट के रूप में शुरू किया गया है. इसके अलावा, DIKSHA 2.0, ई-जादुई पिटारा, गुरु-मित्र, TARA ऐप, माय करियर एडवाइजर और विद्या समीक्षा केंद्र जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए बच्चों को उनकी जरूरत के मुताबिक पढ़ाई, शिक्षकों को सहयोग, करियर गाइडेंस और पढ़ाई की प्रगति पर नजर रखने में AI का उपयोग किया जा रहा है.
उच्च शिक्षा में AI की भूमिका
बैठक में उच्च शिक्षा पर भी चर्चा हुई. बताया गया कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में AI की मदद से पाठ्यक्रमों को अपडेट किया जा रहा है. स्किल और अलग-अलग विषयों को जोड़कर पढ़ाया जा रहा है. रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसका मकसद छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना, रोजगार के बेहतर मौके देना और भारत की उच्च शिक्षा को दुनिया के स्तर पर मजबूत बनाना है.

