शक, लालच और गुस्से का खतरनाक खेल! जब अपनों के ही खून से लाल हुई दिल्ली की गलियां, झकझोर देंगी ये कहानियां
देश की राजधानी दिल्ली नेकदिल लोगों का शहर माना जाता है। जहाँ समाज की नींव रिश्तों और विश्वास की डोर पर टिकी होती है, वहीं हाल के वर्षों में रिश्तों का खून-खराबा एक खौफनाक सच बनकर उभरा है। रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार पर, जब भाई-बहन का अटूट बंधन मनाया जाता है, करावल नगर में एक शख्स ने अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी। इस खौफनाक वारदात ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। यह महज एक घटना नहीं, बल्कि कई हत्याओं की कड़ी है, जो रिश्तों की पवित्रता को तार-तार कर रही है। पिछले दो सालों में दिल्ली ने पारिवारिक, वैवाहिक और विश्वास के रिश्तों में हिंसा और विश्वासघात की ऐसी दर्दनाक कहानियां देखी हैं, जो इंसानियत पर सवाल खड़े करती हैं। पति-पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन जैसे रिश्तों में शक, लालच और गुस्से ने खून की नदियां बहा दी हैं। ये घटनाएं न सिर्फ कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती हैं, बल्कि समाज के नैतिक पतन का आईना भी हैं। आइए नजर डालते हैं उन पांच हत्याओं पर, जिन्होंने दिल्ली में रिश्तों की नींव हिला दी। करावल नगर में तिहरा हत्याकांड (अगस्त 2025)
रक्षाबंधन के पावन अवसर पर दिल्ली के करावल नगर में एक हृदयविदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी। इस भयावह हत्याकांड ने रिश्तों की पवित्रता को तार-तार कर दिया है, खासकर उस दिन जब भाई-बहन का प्यार मनाया जाता है। पुलिस के अनुसार, पारिवारिक कलह और अवैध संबंधों के शक के चलते यह हत्या हुई। आरोपी ने पहले अपनी पत्नी की हत्या की, फिर बच्चों को भी नहीं बख्शा। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने तुरंत जाँच शुरू की और आरोपी को हिरासत में ले लिया। यह हत्या परिवार में विश्वासघात और समाज में बढ़ती असहिष्णुता का प्रतीक है। स्थानीय लोगों ने इसे रिश्तों के खोखलेपन का उदाहरण बताया। मामले की गहन जाँच जारी है और यह घटना दिल्ली में रिश्तों में खून-खराबे की क्रूर सच्चाई को उजागर करती है।
लाजपत नगर दोहरा हत्याकांड (जुलाई 2025)
जुलाई 2025 में, दिल्ली के लाजपत नगर में घरेलू सहायक मुकेश ने अपनी मालकिन रुचिका और उसके 14 वर्षीय बेटे कृष की बेरहमी से हत्या कर दी। इस घटना ने नियोक्ता-कर्मचारी के रिश्ते को शर्मसार कर दिया। मुकेश ने बताया कि मालकिन की डाँट से वह इतना क्रोधित हुआ कि उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया। उसने दोनों की हत्या कर दी और शवों को ठिकाने लगाने की कोशिश करते हुए बिहार भागने की फिराक में था। लेकिन, यूपी जीआरपी और दिल्ली पुलिस ने उसे पकड़ लिया। यह मामला छोटी-छोटी बातों पर हिंसा में बदलते रिश्तों की सच्चाई को उजागर करता है। इस घटना ने इलाके में भय और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार बरामद कर लिए और मुकेश के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। यह हत्या रिश्तों में संवेदनशीलता की कमी और टूटते विश्वास की त्रासदी को उजागर करती है।
पांडव नगर हत्याकांड (नवंबर 2022, खुलासा 2023)
पांडव नगर में पूनम और उसके बेटे दीपक ने मिलकर पूनम के पति अंजन दास की हत्या कर दी। इस हत्या ने पारिवारिक रिश्तों के नैतिक पतन को उजागर किया। अंजान पर अवैध संबंध रखने और परिवार पर बुरी नज़र रखने का आरोप लगाया गया था। गुस्से में आकर माँ-बेटे ने उसका गला रेत दिया और शव के 10 टुकड़े करके फ्रिज में रख दिए। बाद में, इन्हें धीरे-धीरे ठिकाने लगा दिया गया। यह क्रूरता दिल्ली के कुख्यात श्रद्धा वाकर हत्याकांड की याद दिलाती है। इस साजिश ने समाज में रिश्तों के प्रति अविश्वास को और गहरा कर दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामला अदालत में है। यह घटना दर्शाती है कि परिवार में शक और गुस्सा कैसे खूनी मंजर में बदल सकता है।
निक्की यादव हत्याकांड (फरवरी 2023)
निक्की यादव हत्याकांड ने वैवाहिक रिश्तों में विश्वासघात की दर्दनाक कहानी को उजागर किया। 2020 में निक्की से शादी करने वाले साहिल गहलोत ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। वजह थी परिवार का इस शादी से इनकार और साहिल की दूसरी शादी की योजना। उसने मोबाइल डेटा केबल से निक्की का गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को कार में छिपा दिया। इस साजिश में साहिल के पिता समेत पाँच लोग शामिल थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सबूतों के आधार पर साहिल को पकड़ा। यह मामला पारिवारिक दबाव और रिश्तों में विश्वासघात का प्रतीक बन गया। निक्की की हत्या ने वैवाहिक रिश्तों की नाजुकता पर सवाल खड़े कर दिए। इस घटना ने दिल्ली में रिश्तों में खून-खराबे की एक और भयावह कहानी सामने ला दी। समाज में ऐसी घटनाएँ रिश्तों के प्रति अविश्वास को और बढ़ा रही हैं।
अशोक विहार हत्याकांड (2023-2024)
अशोक विहार में एक मां ने अपनी 5 साल की मासूम बेटी की हत्या कर दी, जिससे मातृत्व का पवित्र रिश्ता शर्मसार हो गया। पति के चले जाने के बाद वह दूसरी शादी करना चाहती थी और बच्ची को अपनी राह का रोड़ा मानती थी। उसने गला घोंटकर बेटी की हत्या कर दी और शव को छिपाने की कोशिश की। पुलिस ने संदिग्ध परिस्थितियों में शव बरामद कर मां को गिरफ्तार कर लिया। यह घटना न केवल पारिवारिक रिश्तों में क्रूरता को दर्शाती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक दबाव के प्रभाव को भी उजागर करती है। इस घटना से इलाके में गहरा आक्रोश फैल गया। पुलिस ने गहन जांच शुरू की और यह हत्या रिश्तों में स्वार्थ और हिंसा की चरम स्थिति को बयां करती है। ऐसी घटनाएं समाज में रिश्तों की नींव को कमजोर कर रही हैं।

