SC ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर केंद्र से सवाल किया, एक दिन में नियुक्ति कैसे?
पीठ ने पूछा, उसी दिन प्रक्रिया शुरु हुई, उसी दिन क्लीयरेंस हुआ, उसी दिन नियुक्ति कर डाली। न्यायमूर्ति जोसेफ ने डीओपीटी के डेटाबेस से चार नामों को चुनने में कानून मंत्री द्वारा अपनाए गए मानदंडों पर विशेष रूप से सवाल किया।पीठ ने कहा कि 18 नवंबर को मंत्री ने नामों को चुना और फाइल भी उसी दिन पेश की गई, यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी उसी दिन नाम की सिफारिश की। हम कोई टकराव नहीं चाहते हैं।कोर्ट ने कहा कि यह पद 15 मई से खाली था, और अब इस पर बिजली की रफ्तार से काम किया गया।न्यायमूर्ति जोसेफ ने कहा कि अदालत एक यस मैन (हां में हां मिलाने वाला व्यक्ति) की नियुक्ति को लेकर चिंतित है और पूछा कि कानून मंत्री द्वारा आयु मानदंड के आधार पर सैकड़ों लोगों के डेटा से चार नामों को शॉर्टलिस्ट करने का क्या आधार है।
सुपर फास्ट तरीके से गोयल की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए पीठ ने टिप्पणी की कि 24 घंटे से भी कम समय में प्रक्रिया पूरी और अधिसूचित नहीं की गई।शीर्ष अदालत, चुनाव आयुक्तों और मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी व्यवस्था की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। अभी सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र से कहा कि वह गोयल की हालिया नियुक्ति से संबंधित फाइलों को देखना चाहता है।
--आईएएनएस
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