यह भी बताया गया कि शासी परिषद की सातवीं बैठक उपरोक्त विषयों में से प्रत्येक पर एक रोडमैप और परिणाम आधारित कार्य योजना को अंतिम रूप देने का प्रयास करेगी। बयान के अनुसार, जुलाई 2019 के बाद से शासी परिषद की यह पहली प्रत्यक्ष बैठक होगी। यह बैठक कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में हमारे अमृत काल में प्रवेश और अगले साल भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता तथा शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के आलोक में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस बैठक में संघीय प्रणाली की ²ष्टि से भारत की अध्यक्षता के महत्व और जी-20 के मंच पर अपनी प्रगति को उजागर करने में राज्यों की भूमिका पर भी जोर दिया जाएगा।
नीति आयोग का शासी परिषद (गवनिर्ंग काउंसिल) राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रणनीतियों के बारे में साझा ²ष्टिकोण विकसित करने वाली प्रमुख संस्था है। यह शासी परिषद अंतर-क्षेत्रीय, अंतर-विभागीय और संघीय मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच प्रदान करता है। इसमें भारत के प्रधानमंत्री; सभी राज्यों एवं विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री; अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल; पदेन सदस्य; नीति आयोग के उपाध्यक्ष; नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य; और विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्रीगण शामिल होते हैं। यह केंद्र और राज्यों के बीच विचार-विमर्श का सबसे महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है और संपूर्ण सरकार के ²ष्टिकोण के साथ संगठित कार्रवाई के लिए प्रमुख रणनीतियों की पहचान करता है।
--आईएएनएस
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