Lok Sabha अध्यक्ष ने कहा, विकास ने पूर्वोत्तर भारत में उग्रवाद का मुकाबला करने में निभाई है प्रभावी भूमिका !

बिरला ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास और उनमें चुनौतियों के बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सरकार ने एक्ट ईस्ट नीति के अंतर्गत अवसंरचना विकास के लिए बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिन्हें शीघ्रतापूर्वक कार्यान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनौतियां अभी भी हैं परन्तु चुनौतियों के साथ, पूर्वोत्तर क्षेत्र में अत्यधिक क्षमता और संभावनाएं हैं जिन्हें अवसर में परिवर्तित किया जा सकता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र की क्षमता का जिक्र करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि इस क्षेत्र के विकास के लिए सतत् विकास की इसकी क्षमता के आधार पर एक कार्य योजना बनाई जानी चाहिए। हालांकि इसके साथ ही उन्होने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की संस्कृति और पहचान की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की बात कहते हुए यह भी कहा कि हम न तो क्षेत्र के विकास और न ही संस्कृति से समझौता कर सकते हैं।
राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन के बारे में बोलते हुए बिरला ने कहा कि यह सम्मेलन संसदीय लोकतंत्र को और समृद्ध बनाने के तरीकों पर चर्चा करने का अवसर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विचारों, नवाचारों और परंपराओं को साझा करके संसदीय लोकतंत्र को मजबूत किया जाएगा। बिरला ने अरूणाचल प्रदेश विधान सभा के अत्याधुनिक संग्रहालय का उद्घाटन करने के साथ ही विधानसभा परिसर में विधानसभा के ग्रंथागार एवं एक्सपो और जवाहरलाल नेहरू राज्य संग्रहालय का दौरा भी किया। राज्य सभा के उपसभापित हरिवंश, अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष पासांग दोरजी सोना एवं अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में शामिल हुए।
--आईएएनएस
एसटीपी/एएनएम