Delhi में वृक्ष प्रत्यारोपण ऑडिट करेगा फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट देहरादून, ग्रीन कवर डेवलपमेंट कमेटी गठित
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में पहले विकास कार्य के लिए पौधों की कटिंग होती थी और उसके जगह पर नए पौधे लगाए जाते थे। बाद में हमने देखा कि जो नये पौधे लगाए जाते हैं, उनको विकसित होने में काफी समय लगता था, इसलिए सरकार ने वृक्ष प्रत्यारोपण नीति बनाई ताकि जो पौधे ट्रांसप्लांट हो सकते हैं उनको ट्रांसप्लांट किया जा सके।पिछले साल में जिन एजेंसियों ने ट्री ट्रांसप्लांटेशन के लिए विभाग से अनुमति ली थी उसको लेकर संबंधित विभागों और इम्पैनल एजेंसीज के साथ शुक्रवार को संयुक्त समीक्षा बैठक की गई। इनमे प्रमुख एनसीआरटीसी, एनबीसीसी, डीएमआरसी, आरएलडीए , पीजीसीआईएल , एन.एच.ए.आई., जल बोर्ड , सीपीडब्लूडी , पीडब्लूडी ,एमसीडी जैसे विभाग शामिल रहे।
इस बैठक में तय हुआ कि भी इम्पैनल एजेंसीज ट्री-ट्रांस्प्लांटेशन से संबंधित कार्य को बेहतर रूप से नहीं करेगी उस एजेंसी को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। अभी तक जिन -जिन विभागों को ट्री-ट्रांस्प्लांटेशन से संबंधित मंजूरी दी गई है उसके द्वारा किए गए वृक्षप्रत्यारोपण का ऑडिट भी फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट देहरादून करेगा। पर्यावरण मंत्री ने डीडीए की तरफ से आए पत्र के बारें में जवाब देते हुए बताया कि डीडीए ने जमीन की कमी को बताते हुए प्रस्ताव दिया कि एक काटे हुए पेड़ के बदले 10 पेड़ लगाने की जगह केवल 2 पेड़ लगाया जाए। इस प्रस्ताव को लेकर सबसे पहले वन विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह डीडीए को जमीन के संदर्भ में डिटेल रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आदेश जारी करे। जिससे की डीडीए के पास उपलब्ध जमीन का पूरा ब्यौरा विभाग को मिल सके।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली में हरित क्षेत्र को अधिक से अधिक बढ़ाना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है, ताकि दिल्लीवालों को प्रदूषण की समस्या से निजात मिल सके। दिल्ली के हरित क्षेत्र को बढ़ाने और बचाने के लिए दिल्ली सरकार सदैव तत्पर है।
--आईएएनएस
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