कोई पार्टी बदले तो चुनाव लड़ने पर लगे 6 साल का प्रतिबंध, AAP MP का प्राइवेट मेंबर बिल
इस संबंध में राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा, भारत ने विधानमंडलों के गठन में ब्रिटेन में अपनाई गई प्रतिनिधि लोकतंत्र की वेस्टमिंस्टर प्रणाली को अपनाया था। इसलिए, इस विधेयक में तत्काल संशोधन की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि विधेयक में संशोधन के बाद, यह एक प्रावधान जोड़कर इसे और अधिक कठोर बना देगा, जिससे सदस्य को दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्य घोषित करने की तारीख से 6 साल की और अयोग्यता हो जाएगी। इसी तरह, जो विधायक खरीद-फरोख्त में लिप्त हैं और मतदाताओं के जनादेश का अपमान करते हैं, उन्हें उप-चुनाव लड़ने और फिर से निर्वाचित होने से वंचित कर दिया जाएगा।
संविधान (संशोधन) अधिनियम, 2022 एक सुधारात्मक उपाय के रूप में कार्य करेगा, जिसके तहत अविश्वास प्रस्ताव के मामलों को छोड़कर सदस्यों को व्हिप प्रणाली से छूट दी जाएगी। यह विधेयक संशोधन अयोग्यता से बचने के लिए विधायक दल के सदस्यों के विलय के लिए मौजूदा सीमा को 2 बटा 3 से बढ़ाकर 3 बटा 4 कर देगा। राघव चड्ढा ने कहा कि छोटे राज्यों में जहां सदन की संख्या 30 से 70 के बीच है, वहां दलबदल के बढ़ते मामलों के कारण यह प्रावधान बेहद जरूरी है।
--आईएएनएस
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