देश के 270 Retired bureaucrats, पूर्व राजदूत, रिटायर्ड आर्मी अधिकारी और एकेडमिशियन्स ने पत्र लिखकर- विपक्षी दलों के बहिष्कार को बताया निंदनीय

पत्र में आगे कहा गया है कि जो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के उद्घाटन का बहिष्कार कर रहे हैं उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे कैसे लोकतंत्र की आत्मा को चूस रहे हैं। 2017 में जीएसटी लॉन्च, 2021 में संविधान दिवस और राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार जैसे कई उदाहरणों को बताते हुए देश के इन प्रतिष्ठित नागरिकों ने कहा कि ये दल अपने स्वयं के सूत्रबद्ध, अलोकतांत्रिक, नियमित और निराधार बहिष्कार का पालन कर रहे हैं। नए संसद भवन के उद्घाटन को पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बताते हुए भारतीय के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े होने का संकल्प लेकर इन्होंने यह भी कहा कि वे विपक्षी दलों के गैर लोकतांत्रिक रवैये की निंदा करते हैं और अगर कांग्रेस एवं उनके सहयोगी दल गहराई से विचार करें तो उन्हें समझ में आएगा कि लोकतंत्र की आत्मा नहीं गई बल्कि विपक्षी दलों की लोकप्रियता खो गई है।
--आईएएनएस
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