Delhi में 1189 मेगावाट सौर ऊर्जा, रूफटॉप सौर के जरिए 2 वर्षों में 2540 मेगावाट का लक्ष्य
डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि दिल्ली पिछले 5 वर्षों में अपने सभी थर्मल पावर स्टेशनों को बंद करने वाला एकमात्र राज्य बनकर एक पर्यावरण लीडर के रूप में उभरा है। इसके अलावा सभी उद्योग को स्वच्छ ईंधन (पीएनजी) में परिवर्तित कर रहा है। ईवी अपनाने के मामले में निर्विवाद राष्ट्रीय लीडर बन गया है। दिल्ली की सौर नीति ने 2016 ने शहर में रूफटॉप सौर अपनाने की नींव रखी। नई सौर नीति दिल्ली को भारत की सौर राजधानी बना देगी। इसके अलावा एक वैश्विक अध्ययन किया जा सकता है कि कैसे शहर रूफटॉप सोलर मूवमेंट का नेतृत्व कर सकते हैं। यह दिल्ली के रोजगार बजट के तहत कल्पना की गई हजारों नई हरित नौकरियां भी पैदा करेगा।
सरकार का मत है कि नई नीति के साथ सभी सरकारी भवनों की छतों पर सौर पैनल स्थापित करने और सभी व्यक्तिगत घरों को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखना चाहिए। संबंधित अधिकरियों ने कहा कि मालिकों, सहकारी और समूह आवास समितियों, औद्योगिक और वाणिज्यिक इकाइयों के मालिकों आदि को अपनी छतों पर सौर पैनल स्थापित करने और 2030 तक दिल्ली के ऊर्जा क्षेत्र में सौर ऊर्जा के योगदान को 50 फीसदी से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए।
इस परामर्श के दौरान, उपस्थित लोगों को तीन हितधारक समूहों में आवासीय, वाणिज्यिक व औद्योगिक और संस्थागत हितधारक में विभाजित किया गया। प्रारंभिक चचार्ओं में दिल्ली में सौर परिनियोजन में बाधा डालने वाली प्रमुख चुनौतियों और बाधाओं की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। रूफटॉप सोलर प्लांट की स्थापित क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से एक नई सौर नीति की परिकल्पना की गई है, ताकि यह दिल्ली की वार्षिक ऊर्जा मांग का 10 फीसदी पूरा कर सके। यह योजना इस क्षेत्र में 40,000 नई हरित नौकरियों के सृजन में भी योगदान देगी।
--आईएएनएस
जीसीबी/एएनएम